मध्य रेल ने टिकट रहित और अनियमित यात्रा को रोकने के लिए अपने सभी मंडलों में उपनगरीय, मेल, एक्सप्रेस, पैसेंजर व स्पेशल ट्रेनों में सघन टिकट चेकिंग अभियान चलाया है। कोविड महामारी के बावजूद मध्य रेल की टिकट चेकिंग टीम ने 35.36 लाख मामले पकड़े और वित्तीय वर्ष 2021-22 के दौरान 214.14 करोड़ रुपये का जुर्माना वसूल किया है, जो कि अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है।
मध्य रेल मुंबई के जनसंपर्क विभाग द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, मध्य रेल का 214.14 करोड़ रुपये का यह राजस्व भारतीय रेल के इतिहास में जोनल रेलवे पर टिकट चेकिंग से प्राप्त अब तक का सबसे अधिक राजस्व है। भारतीय रेल पर पिछला उच्चतम राजस्व 2019-20 में 207 करोड़ रुपये है। मध्य रेल ने मामले पकड़े में भी रिकॉर्ड बनाया है। वर्ष 2021-2022 में भारतीय रेल में 35.36 लाख मामले सबसे अधिक हैं।
मध्य रेल ने वित्तीय वर्ष के दौरान यानी अप्रैल 2021- मार्च 2022 के दौरान, 214.14 करोड़ रुपये का टिकट जांच राजस्व अर्जित किया है। यह अप्रैल 2020 से मार्च 2021 के दौरान 28.28 करोड़ रुपये के मुकाबले 657.21% की वृद्धि दर्शाता है। इसी तरह मामलों के संदर्भ में, अप्रैल 2021 से मार्च 2022 के दौरान 35.36 लाख मामले पकड़े, जबकि अप्रैल 2020 से मार्च 2021 के दौरान 6.07 लाख मामले पकड़े थे।
मध्य रेल के महाप्रबंधक अनिल कुमार लाहोटी ने कहा कि सीमित ट्रेन सेवाओं के बावजूद मध्य रेल ने टिकट जांच का यह प्रदर्शन कर मील का पत्थर हासिल किया है। लॉकडाउन के बाद उपनगरीय, मेल, एक्सप्रेस व यात्री सेवाओं का परिचालन चरणबद्ध तरीके से कोविड प्रतिबंधों के साथ शुरू किया गया था। सघन टिकट चेकिंग आरामदायक यात्रा सुनिश्चित करती है और वास्तविक यात्रियों के लिए बेहतर सुविधाएं प्रदान करती है।
मध्य रेल की टिकट चेकिंग टीम ने टिकट रहित यात्रियों को रोकने के लिए उल्लेखनीय प्रयास किए हैं। टिकट चेकिंग स्टाफ में से 6 सदस्यों ने वित्तीय वर्ष 2021-2022 के दौरान एक करोड़ से अधिक का राजस्व एकत्र करके उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। इनके अलावा 12 टिकट चेकिंग स्टाफ ने भी बेहतर प्रदर्शन किया है। भुसावल मंडल से 6, नागपुर से एक, मुंबई मंडल से एक, मुख्यालय से 4 सदस्यों ने वित्त वर्ष 2021-2022 के दौरान 75 लाख रुपये से अधिक जुर्माना वसूल किया है।
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