Chhath Mahaparva: बिहार की रगों में दौड़ने वाला चार दिवसीय लोक आस्था का महापर्व छठ पांच नवम्बर से नहाए-खाए के साथ शुरू होगा। इस महापर्व को लेकर सभी जगह पर भीड़ दिख रही है। इसके अलावा बाजार में भी रौनक बढ़ गई है। इस महापर्व को लेकर लोगों ने खरीदारी करनी शुरू कर दी है।
छठ महापर्व को शुद्धता के लिए जाना जाता है। वैसे तो इस महापर्व में अधिकतर घरेलू सामान का ही उपयोग किया जाता है लेकिन कुछ वस्तुएं ऐसी होती हैं, जिसकी बाजार में खरीदारी होती है। इसमें फल से लेकर सूप और दउरा तक शामिल हैं। हालांकि, शहरी इलाकों में बाकी उपयोगी चीजों की भी खरीदारी होती है।
पटना में छठ पूजा के लिए सूप, दउरा, मिट्टी का चूल्हा लकड़ी, नारियल आदि की बिक्री शुरू हो चुकी है। खरीदारों की भीड़ बाजार में उमड़ने लगी है। इस बार छठ पूजा पर पीतल की सूप का काफी डिमांड है। इसमें कस्टमाइज सूप भी शामिल है। हर साल से ज्यादा इस बार भी इसका डिमांड देखने को मिल रहा है।
पटना के दुकानदारों ने बातचीत में कहा कि इस बार पीतल का रेट 800 से 1,000 रुपये प्रति किलो तक है। पिछले साल की तुलना में पीतल के दाम में उतनी ज्यादा बढ़ोतरी देखने को नहीं मिली है। इसलिए बाजार में 600 से लेकर 1,000 तक का सूप उपलब्ध है। पीतल के अलावा सोने और चांदी का शुभ भी मार्केट में उपलब्ध है। मार्केट में 15 ग्राम से लेकर 100 ग्राम वजन तक का सूप उपलब्ध है, जिसकी कीमत 2,000 से लेकर 10,000 तक बताई जा रही है।
पटना बाजार में पानी वाला नारियल 50 से 80 रुपये जोड़ा में उपलब्ध है जबकि अन्य शहरों की बात करें तो यह 40 से 70 रुपये के बीच में बिक रहा है। छठ व्रत में खाना बनाने में आम की लकड़ी का प्रयोग होता है। इस बार आम की लकड़ी की कीमत बाजार में 125 से 150 रुपये पांच (पसेरी) किलो के आसपास चल रही है। छठ पवित्रता के लिए मिट्टी के चूल्हे की डिमांड रहती है। छठ व्रती माताएं-बहने मिट्टी के चूल्हे पर ही नहाए खाए का प्रसाद बनती हैं। लिहाजा, इस बार मिट्टी के चूल्हे की कीमत 200 रुपये से 250 रुपये के बीच है।
छठ पूजा में नहाय-खाय से लेकर पारण तक की तिथियां
-छठ पूजा के पहले दिन नहाय खाय किया जाता है। इस दिन स्नान और भोजन करने का विधान है। इस बार पांच नवम्बर यानी मंगलवार को को नहाय खाय किया जाएगा।
-छठ पूजा के दूसरे दिन खरना पूजा की जाती है। इस दिन महिलाएं नए मिट्टी के चूल्हे पर खीर बनाती हैं। इसके बाद उसे भोग के रूप में छठी मैया को अर्पित किया जाता है। इस दिन पूजा के बाद व्रत की शुरुआत होती है। इस बार खरना पूजा 06 नवम्बर यानी बुधवार को है।
-तीसरे दिन यानी तीसरे दिन निर्जला व्रत रखा जाता है और डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। इस बार सात नवम्बार यानी गुरुवार को को डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया जाएगा। इसके अगले दिन आठ नवम्बर यानी शुक्रवार को उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। इसके बाद शुभ मुहूर्त में व्रत तोड़कर पारण किया जाता है।
Join Our WhatsApp Community