मुंबई महानगर पालिका कोविड 19 के संसर्ग को रोकने के लिए कड़े कदम उठा रही है। मास्क न पहनने वालों से मनपा के क्लीन अप मार्शल दो सौ रुपए का दंड वसूल रहे हैं। लेकिन ये क्लीन अप मार्शल कहीं कॉलर पकड़कर तो कहीं मास्क के नाम पर कचरे की पावती बनाकर वसूली कर रहे हैं।
जागरुक हो गए हैं मुंबईकर
देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में कोरोना के प्रकोप को रोकने के लिए मास्क पहनना अनिवार्य किया गया है, और मास्क नहीं पहनने वालों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जा रही है। हालांकि, मुंबई महानगरपालिका, राज्य सरकार और जनप्रतिनिधियों की ओर से की जा रही अपील तथा जन जागरूकता के कारण अब अधिकांश लोगों ने मास्क पहनना शुरू कर दिया है। इस वजह से क्लीन अप मार्शल को अपने दंडात्मक लक्ष्य को पूरा करना भारी पड़ रहा है।
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इस तरह कर रहे हैं वसूली
वे अब अपने हर दिन के लक्ष्य (दंड) को पूरा करने के लिए क्लीन अप मार्शल के नाम पर पैदल चलने वाले लोगों पर जुर्माना लगा रहे हैं। हालांकि प्रशासन का कहना है कि यह नागरिकों को अनुशासित करने के लिए दंडात्मक कार्रवाई है, लेकिन सच्चाई यह है कि इस काम के लिए गठित एजेंसियां अपने दंडात्मक लक्ष्यों को पूरा करने के लिए कुछ भी कर रही हैं। बताया यह भी जा रहा है कि वे मास्क नहीं पहनने के नाम पर दंड वसूल रहे हैं और कचरा फैलाने का रसीद दे रहे हैं। सवाल यह उठता है कि एंटी-मास्क कार्रवाई संक्रमण रोकने या ठेकेदारों की जेब भरने के लिए है?बता दें कि अब कोरोना को लेकर लोग काफी जागरुक और सतर्क हो गए हैं। वे कम से कम मास्क पहनने के कोरोना से बचाव के प्रथम उपाय को काफी हद तक अपना रहे हैं।
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नगरसेविका अनुराधा पोतदार ने की थी शिकायत
दरअस्ल कुछ फेरीवालों ने स्थानीय भाजपा पार्षद अनुराधा पोतदार के साथ शिकायत दर्ज कराई है कि गिरगांव में कुछ फेरीवालों पर मास्क पहनने के बाद भी 200 रुपये का जुर्माना लगाया गया था। इस शिकायत पर संबंधित क्लीन-अप मार्शल से पूछताछ करने के बाद उसने बताया कि दिन भर के लक्ष्य को पूरा करने के लिए उसने यह कार्रवाई की।
लाख टके का सवाल
इन क्लीन-अप मार्शल्स को उन नागरिकों से जुर्माना वसूलने का अधिकार है, जो बिना मास्क के घूमते हैं और सार्वजनिक स्थानों पर थूकते हैं। अनुराधा पोतदार ने ये मुद्दा उठाते हुए कहा कि अगर कानून का पलान कराने वाले ही इस तरह का बर्ताव करेंगे तो कानून की रक्षा कौन करेगा?