नदी कैसे होगी मीठी? मुख्यमंत्री और मुख्‍य सचिव ही भूले

मीठी नदी को पुनर्जीवित करने के लिए राज्य सरकार लगातार योजना पर योजना बनाती रही है। इन योजनाओं पर हजार करोड़ रुपए खर्च भी हो चुके हैं, परंतु मीठी के जल में निर्मलता की जगह मल और केमिकल ही भरा पड़ा है।

135

मुंबई की धमनियां गिनी जाती हैं, यहां कि नदियां। जो किसी काल में यहां की जीवनदायी गिनी जाती रही होंगी। परंतु, शहर के विस्तार में यह नाले के रूप में बदल गई। इसका सबसे बुरा परिणाम झेल रही मीठी नदी को निर्मल करने के लिए अब तक 1150 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं, परंतु परियोजना अब भी अपूर्ण है। इसके पीछे जो कारण सामने आया है, वह मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव की अनदेखी को दर्शाता है।

आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने मुख्यमंत्री व मुख्य सचिव की अध्यक्षता में मीठी नदी विकास कार्यों को लेकर हुई बैठक के संबंध में मीठी नदी विकास एवं संरक्षण प्राधिकरण से जानकारी मांगी थी। मीठी नदी विकास एवं संरक्षण प्राधिकरण ने अनिल गलगली को बताया कि मुख्यमंत्री मीठी नदी विकास एवं संरक्षण प्राधिकरण की अध्यक्षता में 6 बैठकें हुई।

  • दिनांक 01.09.2005 (30)
  • दिनांक 01.10.2005 (30)
  • दिनांक 26.10.2006 (27)
  • दिनांक 20.04 2007 (14)
  • दिनांक 05.05.2008
  • दिनांक 25.05.2020 (28)
    (कोष्ठक में संख्या बैठक में उपस्थित लोगों की संख्या है)

ये भी पढ़ें – कैसे पहुंचें मुंबई से बेलापुर 30 मिनट में? पढ़ें इस खबर में

मुख्य सचिव की अध्यक्षता में मीठी नदी विकास एवं संरक्षण प्राधिकरण के तहत 11 बैठकें की गईं।

  • दिनांक 20.12.2005 (13)
  • दिनांक 02.01.2006 (12)
  • दिनांक 06.11.2006 (13)
  • दिनांक 13.05.2008 (17)
  • दिनांक 15.05.2008 (23)
  • दिनांक 12.10.2012 (43)
  • दिनांक 05.02.2013 (36)
  • दिनांक 06.04.2013 (25)
  • दिनांक 20.05.2013 (34)
  • दिनांक 19.07.2013 (31)
  • दिनांक 14.11.2013 (33)

सूचना अधिकार कार्यकर्ता अनिल गलगली के अनुसार, जब तक मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव इस पर ध्यान नहीं देते, तब तक स्थानीय स्तर पर इस तरह के अहम प्रोजेक्ट पर कोई गंभीरता से ध्यान नहीं देता। गलगली ने कहा कि मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव को मीठी नदी को लेकर वर्ष में कम से कम एक बैठक लेनी चाहिए।

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.