तो क्या ये कोरोना का काउंट डाउन?

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मुंबईकरों के लिए गुड न्यूज है। देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में कोरोना संक्रमण में तेजी से कमी आने के बाद इसका काउंट डाउन शुरू होने की बात कही जा रही है। पिछले दिनों के आंकड़े बताते हैं कि बीएमसी के सभी 24  विभागों में कोरोना संक्रमण में हर दिन करीब 50 फीसदी की कमी आ रही है। इसी गति से इस महामारी में कमी आती रही तो जल्द ही मुंबई के हालात पूरी तरह सामान्य हो जाएंगे।

हर हफ्ते संक्रमण में कमी
मुंबई में नवंबर के पहले हफ्ते में महानगरपालिका के 24 विभागों में कुल कोरोना मरीजों की संख्या 2 लाख 57 हजार 901 थी, दूसरे हफ्ते में इसमें गिरावट आई और इसकी संख्या 2 लाख 53 हजार 39 हो गई। यानी एक हफ्ते में कोरोना संक्रमितों की संख्या चार हजार 862 कम हो गई। इससे पहले के हफ्ते मे यह अंतर 5 हजार 477 था। 

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कई विभागों में कम होने की रफ्तार स्लो
 कांदिवली आर/ दक्षिण विभाग में 8 नवंबर कोरोना मरीजों की संख्या 71 थी। 14 नवंबर तक यह घटकर 47 हो गई। गोरेगांव पी /दक्षिण विभाग में 50 से घटकर 23, बांद्रा से सांताक्रुज पश्चिम, मुलुंड ‘टी’ विभाग, नरिमन पॉइंट कोलाबा ‘ए’ विभाग, दहिसर आर /उत्तर विभाग, विलेपार्ले से जोगेश्वरी पूर्व  के/ पूर्व आदि विभागों में भी कोरोना संक्रमण में कमी आई है। इसी तरह बोरीवली आर/ मध्य विभाग में इतने समय में  संख्या 82 से घटकर 68 हो गई है। कुर्ला ‘एल’ विभागा में 44 से घचकर 26 हो गई है।

10 विभाग अभी भी लक्ष्य से दूर
कोरोना मरीजों के आंकड़े दोगुना होने में जहां अन्य स्थानों पर 255 दिन लग रहे हैं, वहीं  भायखला ‘ई ‘विभाग में यह आंकड़ा ४८२ दिन है। शिवडी,परेल के एफ /दक्षिण विभाग में 466, चंदनवाडी,मरीनलाईन्स के ‘सी’ विभाग में 4444 और दादर माहिम धारावी या जी /उत्तर विभागात 428 दिन लग रहे हैं। पांच विभागों में 300 दिन से अधिक लग रहे हैं. जबकि 12 विभागों में 200 दिन से ज्यादा लग रहे हैं। यानी 255 दिन का टार्गेट केवल 10 विभागों में ही पूरा हुआ है।

दो विभागों में सिंगल डिजिट पर कोरोना संक्रमण
पिछले हफ्ते दो विभागों में मरीजों की संख्या सिंगल डिजिट पर आने के बाद अब भी उसी पर बरकार है। उनमें एक गिरगांव,चंदनवाड़ी,मरीनलाईन्स ‘सी’ विभाग और दूसरा डोंगरी,उमरखाडी,संडहस्टर्ड रोड ‘बी’ विभाग है। इन दोनों ही विभागो में एक हफ्ते पहले क्रमशः 4 व 7 कोरोना मरीज पाए गए थे। इस हफ्ते की यह संख्या 3-3 है।ये दोनों विभाग छोटे हैं, इसलिए यहां कोरोना सक्रमण को नियंत्रित करना आसान है, जबकि बड़े एरिया में यह काम काफी चुनौती पूर्ण होता है।

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