बिहार कोरोना संक्रमण के पहली लहर में भले ही काफी हद तक सुरक्षित बच गया था, लेकिन दूसरी लहर से यह कराह रहा है। बड़ी संख्या में यहां के डॉक्टरों और हेल्थ वर्कर्स के साथ ही आम लोग भी इसकी चपेट में आ रहे हैं। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि श्मशाम भूमि में शवों के अंतिम संस्कार करने के लिए मृतकों की परिजनों को लंबा इंतजार करना पड़ रहा है।
मुजफ्फरपुर,मुक्ति धाम के कार्यवाहक अशोक कुमार का कहना है कि पिछले 3-4 दिनों में यहां 18-25 शव दाह संस्कार के लिए लाए जा रहे हैं। शवों की संख्या अधिक होने की वजह से दाह संस्कार के लिए मृतकों के परिजनों को प्रतीक्षा करनी पड़ रही है। लगभग यही हाल अन्य श्मशान भूमि का भी है। बड़ी संख्या में कोरोना की वजह से लोगों की मौत होने से श्मशान भूमि का प्रबंध कम पड़ने लगा है। इस वजह से मृतकों के परिजनों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है।
ये भी पढ़ेंः सनसनीखेज! हरियाणा के अस्पताल से वैक्सीन चुरा ले गए चोर!
Bihar | In the last 3-4 days, 18-25 bodies including 10-12 COVID bodies are being brought here for cremation. There is a waiting period for cremation as the number of bodies is high: Ashok Kumar, caretaker at Mukti Dham, Muzaffarpur pic.twitter.com/JOZ35glpkz
— ANI (@ANI) April 22, 2021
स्वास्थ्य सेवा का बुरा हाल
कोरोना की दूसरी लहर ने देश में स्वास्थ्य सेवाओं को भी पंगु कर दिया है। देश के ज्यादातर प्रदेशों में अस्पतालों में बेड के साथ ही अन्य सुविधाओं का अभाव देखा जा रहा है। कोरोना ने न केवल आम लोगों को अपनी चपेट में ले लिया है बल्कि डॉक्टर और स्वास्थ्य सेवा के कर्मचारियों को भी बुरी तरह प्रभावित किया है।
चपेट मेंं 500 से अधिक डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी
बिहार की राजधानी पटना के दो प्रमुख अस्पतालों में 500 से अधिक डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों को इस वायरस ने अपनी चपेट में ले लिया है। ये दो अस्पताल हैं, एम्स और पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (पीएमसीएच)। पटना,एम्स के चिकित्सा अधीक्षक सीएम सिंह ने बताया कि डॉक्टरों, नर्सों और सफाई कर्मचारियों सहित अस्पताल के कुल 384 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए हैं।