कोरोना महामारी पर भले ही नियंत्रण पा लिया गया हो लेकिन इस महामारी ने टीबी मरीजों की संख्या बढ़ा दी है। पिछले दो वर्ष में देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में 60,579 टीबी के मरीज मिले हैं, जबकि 14,338 मरीजों की मृत्यु हुई है।
विशेषज्ञ डॉक्टरों ने संभावना व्यक्त की है कि इसका कोरोना से टीबी का कनेक्शन हो सकता है, लेकिन इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है। आशंका है कि कोविड संक्रमण के बाद कमजोर हुए लंग्स पर टीबी का अटैक हुआ है। ऐसे में अपील की जा रही है कि लक्षण दिखने पर तत्काल टीबी की जांच कराएं और गंभीर होने से बचे। इंडिया टीबी रिपोर्ट 2022 के अनुसार साल 2020 में कोविड से संक्रमित हुए 1.3 लाख लोगों ने टीबी की जांच कराई। इनमें से 2,163 लोगों में इस बीमारी का पता चला। साल 2020 में टीबी के मामलों की पहचान में 28 प्रतिशत की गिरावट आई। साथ ही साल 2019 की तुलना में केवल 43,464 लोगों की पहचान की गई थी, जबकि मुंबई में कुल 60,597 टीबी रोगियों का पता चला था। आंकड़ों के मुताबिक साल 2021 में टीबी से लगभग 7,453 लोगों को अपनी जिंदगी गंवानी पड़ी, जबकि साल 2020 में यह आंकड़ा 6,985 था। डॉ. निखिल सारंगधर बताते हैं कि वर्ष 2019 के बाद से मुंबई में 15-36 वर्ष की आयु के लोगों में टीबी निदान में वृद्धि देखी गई है। हालांकि कोविड महामारी और श्वसन संबंधी लक्षणों के प्रति लोगों में स्वास्थ्य सेवा केंद्रों से संपर्क किए जाने के मामले में कमी देखी गई। हाल ही में एक हजार से अधिक लोगों ने करीब सात हजार से अधिक टीबी मरीजों को गोद लिया है, ताकि उनको बेहतर इलाज की सहायता प्रदान की जा सके।
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महाराष्ट्र में कोरोना से अब तक 81,06,272 लोग संक्रमित हुए हैं। इसमें 79,50,302 लोगों ने कोरोना को मात दिया है। संक्रमितों में 1,48,269 लोगों की मौत हाे गई है। संक्रमितों में ऐसे लोगों की संख्या भी कम नहीं है, जिनका लंग्स इफेक्टिव हुआ है। लंग्स पर असर पड़ने के कारण समस्या आई है। ऐसे में लंग्स में संक्रमण का खतरा बना रहता है। लंग्स के कमजोर होने से कोरोना काल में टीबी के बढ़े मामलों को लेकर लोगों की मुश्किल बढ़ गई है। स्वास्थ्य विभाग फिलहाल टीबी के संक्रमितों की तलाश कर रहा है।
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