भारत में कोरोना की तीसरी लहर आना निश्चित है। लेकिन यह अनुमान लगाना कठिन है कि यह लहर कब आएगी। वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद के महानिदेशक डॉ. शेखर सी मांडे ने कहा कि कोरोना वायरस की तीसरी लहर निश्चित रुप से आ रही है।
डॉ. मांडे ने कहा कि वैक्सीनेशन और मास्क पहनने से निश्चित रुप से तीसरी लहर की तबाही को सीमित किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि वायरस का डेल्टा प्लस वेरिएंट चिंता का विषय नहीं है, लेकिन जागरुक और सतर्क रहना जरुरी है।
दिशानिर्देशों का पालन करना जरुरी
वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद के महानिदेशक ने कहा कि कोरोना लहर की तीसरी लहर आने की पूरी संभावना है। डॉ. मांडे ने कहा कि वायरस कब और कैसे आएगा, इस बारे में कहना मुश्किल है। उन्होंने कहा कि इस स्थिति में हर किसी को सुरक्षित दृष्टिकोण अपनाना जरुरी है। उन्होंने कहा कि यह भी तय है कि कोरोना की तीसरी लहर कोरोना के प्रोटोकॉल पालन में ढीलाई के कारण ही आएगी। उन्होंने कहा कि यूरोप और अमेरिका में तीसरी लहर से तबाही जारी है। उससे सबक लेना जरुरी है।
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वैक्सीनेशन कारगर हथियार
सीएसआईआर प्रमुख ने लोगों से कोरोना के दिशानिर्देशों का पालन करने की अपील करते हुए कहा कि इसी से कोरोना की तीसरी लहर को रोका जा सकता है। उन्होंने कहा कि वैक्सीनेशन से काफी लाभ मिल रहा है। फिलहाल तीसरी लहर के लिए इसे सबसे कारगर हथियार माना जा रहा है। उन्होंने लोगों से जल्द से जल्द टीका लगवाने की अपील की।
तीन वर्षों तक जारी रहेगी निगरानी
डॉ. मांडे ने कहा कि वैक्सीन को लेकर कोरोनावायरस की जीनोमिक निगरानी आगामी तीन वर्षों तक जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के कोरोना को महामारी घोषित किए जाने के 15 दिन पहले ही हमने कोरोना वायरस पर विचार-विमर्श शुरू कर दिया और स्थिति को समझने की कोशिश की।