देश में कोरोना से मची तबाही के बीच दो अच्छी खबर है। पहली- इसका तीसरा म्यूटेंट यानी बी.1.1.168 अपने आप खत्म हो गया है। भारतीय वैज्ञानिकों का कहना है कि यह वायरस पश्चिम बंगाल में पाया गया था। लेकिन जीनोम सीक्वेंसिग के ताजा आंकड़ों से पता चलता है कि अब यह खत्म हो गया है। हालांकि पश्चिम बंगाल में अभी भी डबल म्यूटेंट का वायरस बी.1.1.167 लोगों को अपना शिकार बना रहा है। दूसरी अच्छी खबर है कि देश के जिन राज्यों में पिछले काफी दिनो से कोरोना संक्रमण काफी बढ़ रहा था, उनमें पिछले कुछ दिनों से कमी आई है।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
सेंटर फॉर सेल्युलर एंड मालीक्युलर बायोलॉजी के निदेशक डॉ.राकेश मिश्रा का दावा है कि पश्चिम बंगाल में या देश के किसी भी भाग में अब ट्रिपल म्यूटेंट के संक्रमण के मामले नहीं आ रहे हैं। राज्य के जीनोम सीक्वेंसिंग बता रही है कि इसकी जगह डबल म्यूटेंट ने ले ली है और यह काफी तेजी से फैल रहा है।
डबल म्यूटेंट का संक्रमण बढ़ा
डॉ. मिश्रा ने बताया कि इसके तेजी से फैलने के पीछे कई कारण हैं। सबसे पहले तो इसका ज्यादा संक्रामक होना एक कारण हो सकता है। दूसरा जब एक म्यूटेंट का संक्रमण तेजी से फैलता है तो दूसरा कमजोर हो जाता है। अभी तक जो परिणाम आ रहे हैं, उससे पता चलता है कि ट्रिपल म्यूटेंट मौजूद नहीं है। उन्होंने कहा कि इसका एक कारण ये भी हो सकता है कि प्राकृतिक कारणों से वायरस में बदलाव आते रहते हैं। बी.1.1.618 में तीन बदलाव देखे गए। पहला ई 484 के और दूसरा डी61जी और तीसरा इसमें दो जीन एच 146 डीईएल तथा वाई 445डीईएल गायब पाए गए हैं।
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दूसरी अच्छी खबर
महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, छत्तीसगढ़, गुजरात, मध्य प्रदेश, तेलंगाना और झारखंड समेत केंद्र शासित प्रदेशों में पिछले कुछ दिनों में कोरोना के मामलों में उछाल देखने को मिली थी, लेकिन पिछले कुछ दिनों में इनमें कोरोना की रफ्तार कम हुई है।
अभी भी चिंता की बात
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि 12 राज्यों में कोरोना के एक लाख से अधिक कोरोना के मरीज उपचार करा रहे हैं। सात राज्यों में 50 हजार से एक लाख मरीज अब भी संक्रमण की चपेट में हैं। देश के 24 राज्यों में कोरोना वायरस से संक्रमण की दर 15 प्रतिशत से अधिक है, जबकि नौ राज्यों में यह दर पांच से 15 प्रतिशत के बीच है। कर्नाटक, केरल, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और ओडिशा में प्रति दिन मामले बढ़ रहे हैं।