क्या अमरावती से फैला कोरोना का नया म्यूटेंट? जानिये सच्चाई

कोरोना की पहली लहर में संक्रमण पहले केरल, फिर पुणे और उसके बाद मुंबई आया। बाद में यह महाराष्ट्र और दूसरे राज्यों में फैल गया। दूसरी लहर में यह अमरावती तक फैल गया।

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पुणे और दिल्ली में एआईबी की बड़ी प्रयोगशालाएं हैं। इन्हें चौथे स्तर का लैब माना जाता है। इनमें देश के कोरोना वायरस के म्यूटेशन पर संशोधन किया जा रहा है। इनमें वायरस के जींस की भी मैपिंग की जाती है। इस दौरान कोरोना वायरस के नये म्यूटेंट का पता लगा है।हालांकि अभी यह कहना जल्दबाजी होगी कि दूसरी लहर के कोरोना का एक म्यूटेंट या स्ट्रेन का संबंध महाराष्ट्र के अमरावती से है।

विशेषज्ञ की राय
केईएम अस्पताल के सेवानिवृत्त अधीक्षक और महाराष्ट्र कोविड टास्क फोर्स के सदस्य डॉ अविनाश सुपे ने हिंदुस्तान पोस्ट से बातचीत में बताया कि इस पर शोध करते समय केवल अमरावती म्यूटेंट के बारे में नहीं सोचना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह कहना मुश्किल है कि भारत में पाए जा रहे नए कोरोना के म्यूटेंट कहां से आए ? डॉ.सुपे ने कहा कि दूसरी लहर में कोरोना को डबल म्यूटेंट कहा जाता है। यह पिछले म्यूटेंट से अलग है। लेकिन यह कहना मुश्किल है कि इसका संबंध अमरावती से है।

कहना मुश्किल
डॉ. सुपे ने कहा कि यह कहना मुश्किल है कि कोरोना का नया म्यूटेंट ब्रिटेन से आया या महारराष्ट्र के अमरावती, विदर्भ क्षेत्र से आया और बुलढाणा, अकोला के बाद पूरे राज्य में फैल गया। लेकिन अब यवतमाल, अमरावती में कोरोना नियंत्रण में है। इसके साथ ही मुंबई में  भी बढ़ने के बाद अब नियंत्रण में दिख रहा है। लेकिन यह नांदेड़, जालना, नासिक जैसे शहरों में बढ़ रहा है। इसके साथ ही यह दिल्ली, गुजरात में भी बढ़ रहा है।

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दूसरी लहर आने का ये रहा कारण
पहली लहर में, कोरोना संक्रमण पहले केरल, फिर पुणे और उसके बाद मुंबई आया। बाद में यह महाराष्ट्र और दूसरे राज्यों में फैल गया। दूसरी लहर में यह अमरावती तक फैल गया, क्योंकि वहां शादियां हुईं, भीड़ बढ़ी और इसके माध्यम से यह फैल गया। जिस गति से यह फैलता है, उसे ट्रेस करना मुश्किल है।

भारत पर विश्व भर के देशों की नजर
आईसीएमआर के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. अपर्णा मुखर्जी ने इस बारे में बताया कि कोरोना की दूसरी लहर ने भारत को तबाह कर दिया है। इसलिए विश्व स्तरीय शोधकर्ताओं का ध्यान भारत की ओर है। वैश्विक शोधकर्ताओं के अनुसार, दुनिया भर में नया नया स्ट्रेन भारत से फैला है। शोधकर्ताओं का कहना है कि यह पहली बार फरवरी में महाराष्ट्र के अमरावती जिले में फैला था, जिसके बाद यह देश भर में फैल गया। भले ही यह स्ट्रेन ब्रिटेन, अफ्रीका और ब्राजील से अलग हो लेकिन इसने दुनिया का ध्यान आकर्षित किया है।

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