सोलापुर जिले में छात्रों के स्वास्थ्य को लेकर परिजन और शिक्षकों की चिंता बढ़ गई है। जिले में पिछले दस दिनों में 613 बच्चे कोरोना वायरस से संक्रमित हुए हैं। कोरोना की तीसरी लहर को लेकर चिंता है कि इसका सबसे अधिक दुष्प्रभाव बच्चों पर पड़ेगा। लेकिन उसके पहले ही सोलापुर के स्कूलों बढ़ती संख्या ने सभी के कान खड़े कर दिये हैं।
मुंबई में उद्धव ठाकरे सरकार के मंत्रिमंडल की बैठक हुई, इसके बाद कई जिलों में कोरोना दिशा निर्देशों को शिथिल करने का आशा है। इस संबंध में स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने जानकारी भी साझा कि है कि मुंबई की लोकल ट्रेन को छोड़कर व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को बड़ी राहत मिल सकती है। इसके अलावा नियंत्रित कोविड-19 संक्रमितों की संख्या वाले जिले में लोगों को छूट मिल सकती है। परंतु, सोलापुर से आया समाचार बेहद ही चिंतित करनेवाला है।
तीसरी नहीं दूसरी ही लहर में बच्चे प्रभावित
कोरोना की दूसरी लहर से बच्चों में कोरोना के मामले बढ़ने लगे हैं। सोलापुर जिले में कोरोना की पहली और दूसरी लहर में 18 साल से कम उम्र के करीब 12 हजार बच्चे चपेट में आ चुके हैं। पिछले दस दिनों में अकेले 613 बच्चे कोरोना वायरस से संक्रमित हुए हैं। खासकर ग्रामीण इलाकों में इसका प्रकोप ज्यादा है।
इस आयु वर्ग में टीकाकरण न होने के कारण संक्रमित लोगों की संख्या में वृद्धि हुई है, लेकिन इन बच्चों में कोरोना के गंभीर लक्षण नहीं हैं।
दिलीप स्वामी, मुख्य कार्यकारी अधिकारी – जिला परिषद
पिछले 15 महीने में सबसे अधिक 11 हजार 886 बच्चे ग्रामीण क्षेत्रों में प्रभावित हुए हैं। इसमें 6,773 लड़के और 5,113 लड़कियां शामिल हैं। इन दस दिनों में प्रभावित बच्चों की संख्या में भारी वृद्धि के बावजूद जिला प्रशासन ने दावा किया है कि स्थिति नियंत्रण में है। कोरोना की तीसरी लहर बच्चों के लिए खतरनाक हो सकती है, इस आशंका की पृष्ठभूमि में सोलापुर जिले में बढ़ते बुखार पर चिंता जताई जा रही है।
दस लाख बच्चों की जांच
जिला स्वास्थ्य विभाग ने तीसरी लहर की पृष्ठभूमि में 18 साल से कम उम्र के करीब दस लाख बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण किया। 60 से अधिक बच्चे कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। इसके अलावा करीब पांच सौ बच्चों में कोरोना जैसे लक्षण पाए गए हैं।