श्रीलंका में पेट्रोलियम पदार्थों की किल्लत ने सामान्य जीवन प्रभावित कर दिया है। वहीं पेट्रोल पंपों के बाहर अपनी बारी का इंतजार कर रहे दो बुजुर्गों की मौत हो गई है। श्रीलंका में पेट्रोलियम के साथ ही विदेशी मुद्रा भंडार का ऐतिहासिक संकट खड़ा हो गया है।
कोलंबो पुलिस ने 20 मार्च को कहा कि मध्य कांडी जिले एवं कोलंबो के उपनगरीय क्षेत्र में करीब 70 साल के दो बुजुर्गों की मौत हो गई। पुलिस ने बताया कि दोनों करीब छह घंटे से अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे। माना जा रहा है कि भयंकर गर्मी के चलते दोनों बुजुर्गों की मौत हुई। अधिकारियों ने कहा कि सरकार वर्तमान संकट को कम करने के लिए भारतीय ईंधन पर निर्भर है।
भारत पर निर्भर
सरकारी सीलोन पेट्रोलियम कारपोरेशन के अध्यक्ष सुमित विजेसिंघे ने कहा कि भारतीय क्रेडिट लाइन से हमें पेट्रोल, डीजल एवं जेट ईंधन जैसे उत्पाद मिलते हैं। उन्होंने कहा कि हमें इस महीने की 13 और 14 तारीख को जेट ईंधन मिला है। हमारे पास एक अन्य डीजल जहाज आया है, जिससे 21 मार्च को माल उतारा जाएगा।
जमाखोरी का शक
विजेसिंघे ने कहा कि ऐसा लगता है कि लोग ईंधन की कमी के चलते उसे जमा कर रहे हैं। संकट से पहले डीजल की दैनिक मांग 5,500 मीट्रिक टन और पेट्रोल की मांग 3,300 मीट्रिक टन थी लेकिन अत्यधिक खरीद के चलते डीजल की दैनिक मांग 7,000-8,000 मीट्रिक टन और पेट्रोल की मांग 4,200-4,500 मीट्रिक टन तक पहुंच गई है।