रामनगरी के श्रीरामहर्षण मैथिल सख्यपीठ धर्मार्थ सेवा ट्रस्ट चारूशिला मंदिर, जानकीघाट में 108 कुंडीय दस दिवसीय श्रीराममंत्र महायज्ञ का चल रहा है।
कार्यक्रम आयाेजक व श्रीरामहर्षण मैथिल सख्यपीठ चारूशिला मंदिर के श्रीमज्जगद्गुरू रामानंदाचार्य स्वामी वल्लभाचार्य ने गुरुवार को कहा कि यह कार्यक्रम अनंत विभूषित पंचरसाचार्य स्वामी श्रीमद् रामहर्षण देव महाराज द्वारा संपन्न श्रीमंत्रराज अनुष्ठान के रजत जयंती महामहोत्सव पर आयाेजित है। जिसका शुभारंभ विशाल शाेभायात्रा के साथ 5 अक्टूबर को हाे चुका है, जाे 14 अक्टूबर तक अपने चर्मोत्कर्ष पर रहेगा।
उन्होंने कहा कि महाेत्सव में देश के विभिन्न प्रांताें से विशिष्ट जगद्गुरू, शंकराचार्याें, महामंडलेश्वराें, दिव्य संताें का शुभागमन हाे रहा है। जिनके दर्शन व दिव्यवाणी का संलाभ हम सब प्राप्त करेंगे। उन्होंने कहा कि श्रीराममंत्र महायज्ञ का कार्यक्रम अपने आप में अद्वितीय है। यह अद्भुत यज्ञ हो रहा है। संताें का कहना है कि ऐसा महायज्ञ अभी तक अयोध्या में नहीं हुआ है, जाे पहली बार हाे रहा है। इसमें 11 मंजिल की यज्ञशाला और 108 कुंडाें का यज्ञ मंडप बना हुआ है। 501 विद्वानाें द्वारा श्रीमद् भागवत महापुराण का परायण किया जा रहा है। 501 जापक श्रीमंत्रराज का जाप कर रहे हैं। इस तरह कुल 13 कराेड़ षड़ाक्षर श्रीराममंत्र का जप किया जायेगा। 540 यजमानाें द्वारा 8 साै कुंतल हवन सामग्री से महायज्ञ में 01 कराेड़ 30 लाख आहुतियां डाली जायेंगी। वहीं 11, 12 व 13 अक्टूबर काे विराट संत-सम्मेलन का कार्यक्रम है, जिसमें सम्पूर्ण भारत के महापुरुषाें का आगमन हाे रहा है। वृंदावन धाम के श्रीमद् जगद्गुरू द्वाराचार्य मलूकपीठाधीश्वर डॉ राजेंद्रदेवाचार्य अपने मुखारविंद से श्रीरामकथा कह रहे हैं। रात्रि 8 बजे 11 बजे तक वृंदावन की प्रसिद्ध चैतन्य महाप्रभु लीला हाे रही है।
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