कोविड सेंटर में वेंटिलेटर पर व्यवस्था!

महाराष्ट्र के जो शहर कोरोना स्प्रेडर बने हुए हैं, उनमें नासिक भी शामिल है। पिछले करीब एक महीने से इस शहर में कोरोना संक्रमण का प्रकोप तेजी से बढ़ने के कारण स्थानीय प्रशासन के साथ ही लोगों की भी चिंता बढ़ गई है।

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महाराष्ट्र में कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए साधन और सुविधाओं की कमी महसूस की जा रही है। इसका परिणाम कोरोना मरीजों को भुगतान पड़ रहा है। नासिक में एक ऐसी ही दिल दहला देनेवाली घटना घटी है। शहर में बढ़ते कोरोना रोगियों के कारण एक अस्पताल में बेड नहीं मिलने पर 31 मार्च को दो कोरोना संक्रमितों ने महानगरपालिका मुख्यालय में ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर आंदोलन किया था। उनमें से एक की मृत्यु हो गई।

बता दें कि महाराष्ट्र के जो शहर कोरोना स्प्रेडर बने हुए हैं, उनमें नासिक भी शामिल है। पिछले करीब एक महीने से इस शहर में कोरोना संक्रमण का प्रकोप तेजी से बढ़ने के कारण स्थानीय प्रशासन के साथ ही लोगों की भी चिंता बढ़ गई है। इस हालत में इस तरह की घटनाएं प्रशासन की खामियों और कमियों को उजागर करने के लिए काफी हैँ।

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ऑक्सीजन सिलेंडर को लेकर किया था आंदोलन
बता दें कि 31 मार्च को अस्पताल में बेड नहीं मिलने पर दो कोरोना संक्रमितों ने महानगरपालिका मुख्यालय में ऑक्सीजन सिलेंडर के साथ आंदोलन किया था। इसके बाद मनपा मुख्यालय में खलबली मच गई थी। इन दोनों को मनपा प्रशासन ने बिटको अस्पताल में भर्ती कराया था। उपचार के दौरान 31 मार्च की आधी रात इनमें से एक की मृत्यु हो गई।

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पुलिस थाने में मामला दर्ज
इस घटना के बाद मनपा प्रशासन ने मरीज को मनपा मुख्यालय में लाने वाले व्यक्ति के खिलाफ सरकारवाडा पुलिस थाने में मामला दर्ज कराया गया है।

विपक्ष ने साधा निशाना
इस घटना के बाद विधानपरिषद में विपक्ष के नेता प्रवीण दरेकर ने महाराष्ट्र की उद्धव सरकार को आड़े हाथों लिया है।

दरेकर ने घटना की जांच कराने की मांग की है। इसके साथ ही मृतक मरीज के परिजनों को 50 लाख रुपए की आर्थिक मदद देने की भी मांग की है।

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