केन्द्र सरकार डीपफेक (वीडियो में किसी व्यक्ति के चेहरे या शरीर को डिजिटल रूप से बदलने को डीपफेक कहते हैं। इस मुद्दे को लेकर केंद्र सरकार गंभीर है। इसको लेकर केन्द्र सरकार ने सोशल मीडिया मंचों को सावधानी बरतने को कहा है।
इस संबंध में 18 नवंबर को केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार जल्द ही डीपफेक मुद्दे पर सोशल मीडिया मंचों से चर्चा करने जा रही है। जो सोशल मीडिया मंच इस संबंध में पर्याप्त कदम नहीं उठाएंगे, उन्हें आईटी अधिनियम के ‘सेफ हार्बर’ प्रतिरक्षा खंड के तहत संरक्षण नहीं मिलेगा। वैष्णव ने कहा कि सरकार ने हाल ही में डीपफेक मुद्दे पर कंपनियों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। उन्होंने कहा कि अब सोशल मीडिया मंचों को डीपफेक के मुद्दों कों गंभीरता से लेना होगा।
जल्द होगी सोशल मीडिया मंचों के प्रतिनिधियों से संवाद
वैष्णव ने कहा कि अगले 3-4 दिनों में वह सभी सोशल मीडिया मंचों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर मुद्दे पर संवाद करेंगे। इस दौरान सुनिश्चित करेंगे कि मंच इसे (डीपफेक) रोकने के लिए पर्याप्त प्रयास करें और अपने तंत्र को ठीक करें।
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प्रधानमंत्री ने बताया गंभीर मुद्दा
उल्लेखनीय है कि 17 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने डीपफेक के मुद्दे को गंभीर बताते हुए आगाह किया था। उन्होंने कहा था कि इस मुद्दे को गंभीरता से लेना चाहिए। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि हाल ही में उनका एक डीपफेक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें वह गरबा कर रहे थे, लेकिन असल में वे उस वीडियो में नहीं थे। उन्होंने स्कूल के दिनों के बाद कभी भी गरबा किया ही नहीं।