Maratha military landscape of India: छत्रपति शिवाजी महाराज(Chhatrapati Shivaji Maharaj) के 12 किलों(12 forts) को यूनेस्को विश्व धरोहर का दर्जा(UNESCO World Heritage status) दिलाने के लिए महाराष्ट्र(Maharashtra) के सांस्कृतिक मंत्री आशीष शेलार(Cultural Minister Ashish Shelar) के नेतृत्व में चार सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल (Four-member delegation)23 फरवरी को पेरिस के लिए रवाना(Leaves for Paris) हो गया है। प्रतिनिधिमंडल में मंत्री एडवोकेट शेलार के साथ अतिरिक्त मुख्य सचिव विकास खडग़े, पुरातत्व एवं संग्रहालय निदेशालय के उप निदेशक हेमंत दलवी और वास्तुकार शिखा जैन हैं।
ये हैं 12 किले
सांस्कृतिक मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार महाराष्ट्र सरकार ने ‘भारत के मराठा सैन्य परिदृश्य’ की अवधारणा के तहत छत्रपति शिवाजी महाराज के 12 किलों को यूनेस्को विश्व धरोहर स्थलों की सूची में शामिल करने का प्रस्ताव भेजा है। इन किलों में रायगढ़, राजगढ़, प्रतापगढ़, पन्हाला, शिवनेरी, लोहागढ़, सलहेर, सिंधुदुर्ग, सुवर्णदुर्ग, विजयदुर्ग, खंडेरी किला और जिंजी किला है। इस प्रस्ताव के अनुरूप महाराष्ट्र सरकार का चार सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल 26 फरवरी तक पेरिस के दौरे पर रहेगा।
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बढ़ेगा महाराष्ट्र की सांस्कृतिक विरासत का महत्व
यह प्रतिनिधिमंडल इन किलों को विश्व धरोहर का दर्जा दिलाने के लिए पेरिस में आवश्यक तकनीकी और कूटनीतिक प्रस्तुतियां देगा। मंत्री आशीष शेलार ने आशा व्यक्त की है कि इससे छत्रपति शिवाजी महाराज के किलों और दुर्गों को वैश्विक मान्यता मिलेगी तथा महाराष्ट्र की सांस्कृतिक विरासत का महत्व उजागर होगा। यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल किये जाने के बाद ये किले संरक्षण, संवर्धन और पर्यटन विकास के लिए अधिक अवसर प्रदान करेंगे। मंत्री शेलार ने कहा कि इससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा और सांस्कृतिक विरासत का संरक्षण सुनिश्चित होगा।