देश की राजधानी दिल्ली की तिहाड़ जेल से कोरोना से बचाव के लिए पिछले वर्ष 6700 कैदियों को इमजेंसी परोल पर छोड़ा गया था। उनमें से आधे अभी तक फरार हैं। इन कैदियों की परोल की तारीख 10 अप्रैल को समाप्त हो गई है। इस तारीख तक इन्हें जेल में सरेंडर करना था, लेकिन 3500 से ज्यादा कैदी जेल में आत्मसमर्पण करने के अंतिम दिन तक नहीं पहुंचे।
जेल प्रशासन से प्राप्त जानकारी के अनुसार तिहाड़ जेल से 6700 कैदियों को पिछले साल कोरोना संक्रमण को देखते हुए इमरजेंसी परोल और जमानत पर छोड़ा गया था।
विचाराधीन कैदी अधिक
तिहाड़ जेल प्रशासन ने इस मामले को गंभीरता से लिया है। इसके लिए जेल की ओर से दिल्ली पुलिस को पत्र लिखकर सभी फरार कैदियों की जानकारी साझा की गई है, ताकि वे फरार कैदियों को पकड़कर वापस जेल के हवाले कर सकें। बता दें कि 6700 कैदियों में से 1184 सजा पाए कैदी हैं, जबकी बाकी सभी विचाराधीन कैदी हैं। फरार होनेवालों में विचाराधीन कैदियों की संख्या अधिक है।
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की गई थी हाई पावर कमेटी गठित
दरअस्ल कोरोना संक्रमण को देखते हुए पिछले साल एक हाई पावर कमेटी गठित की गई थी, जिनकी सलाह पर इन कैदियों को कोरोना से बचाने के लिए परोल पर छोड़ा गया था।
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घोषित किए जाएंगे भगोड़े
जेल प्रशासन का कहना है कि अगर इन्हें सरेंडर नहीं भी करना था तो वाजिब कारण बताना चाहिए था, ताकि उसी के अनुसार आगे की कार्रवाई की जा सके। इतनी बड़ी संख्या में इन कौदियों ने सरेंडर नहीं किया है तो जेल के कानून के अनुसार इन्हें फरार ही माना जाएगा। इसलिए न्यायाल से इन्हें भगोड़ा घोषित करने की कार्रवाई शुरू की जाएगी।