यूपी के गाजियाबाद में एक बेहद दर्दनाक घटना घटी है। यह घटना पैरेंटिंग से जुड़े पहलुओं पर काफी चिंतन करने की जरूरत बताती है। करीब डेढ़ माह पहले एक 14 वर्षीय लड़के को बगल के एक कुत्ते ने काट (bite) लिया। लेकिन लड़के ने घर वालों से मार खाने के डर से इसकी जानकारी अपने परिजनों को नहीं दी। इस छोटी सी चूक ने लड़के की जिंदगी ले ली है।
जानकारी के अनुसार कुत्ता काटने (dog bite)के लगभग डेढ़ माह बाद लड़का (Boy) संक्रमित हो गया और उसमें रेबीज (rabies) के लक्षण दिखाई देने लगे। लड़का पानी से डरने लगा था । उसकी खुराक में भी कमी आ गई थी। अकस्मात रह-रहकर वह कुत्ते जैसी आवाज भी निकालने लगा था। परिजन उसे लेकर नजदीकी डॉक्टर को दिखाया, तो उसने रेबीज के लक्षण की आशंका जताते दिल्ली में बड़े चिकित्सकों को दिखाने का सुझाव दिया।
परिजनों ने उसे दिल्ली (Delhi) के जीटीबी में दिखाया, जहां के डॉक्टर्स ने उसे रेबीज संक्रमित होने का कहकर वापस भेज दिया। लाचार परिजन अपने घर के चिराग को लेकर एम्स (AIIMS) और एलएनजेपी सहित कई अस्पतालों का चक्कर लगाते रहे। लेकिन अंततः उनकी आंखों के सामने ही तड़प-तड़पकर लड़के की जान चली गई। लड़का बुलंदशहर के ताजपुर का मूल निवासी बताया गया है। यदि समय रहते उसे कुत्ता काटने का उपचार मिल गया होता, तो उसके परिजनों को इस तरह की हृदयविदारक स्थिति का सामना नहीं करना पड़ता। साथ ही यह घटना बच्चों के पालन-पोषण को लेकर अभिभावकों के व्यवहार पर भी गंभीर चिंतन करने की आवश्यकता बताती है।
यह भी पढ़ें – SPG महानिदेशक की मृत्यु, प्रधानमंत्री की सुरक्षा की थी जिम्मेदारी
Join Our WhatsApp Community