देश में कोरोना से काफी हद तक राहत मिल गई है। इस कारण लोग लापरवाह होने लगे हैं और काफी लोगों ने यह मानकर कि कोरोना महामारी अब खत्म हो चुकी है, इसकी रोकथाम के सामान्य नियमों का भी पालन नहीं कर रहे हैं। यहां तक कि कई लोग तो मास्क भी नहीं पहन रहे हैं। लेकिन ऐसे लोगों के लिए ब्रिटेन और फ्रांस में कोरोना महामारी से मची तबाही सबक है।
ब्रिटेन में जहां कोरोना की चौथी लहर से तबाही मची हुई है, वहीं फ्रांस में पांचवीं लहर से हड़कंप मचा हुआ है। इन दोनों यूरोपीयन देशों में पहले भी इस महामारी से तबाही मच चुकी है, और एक बार फिर इसके संक्रमण ने लोगों के स्वास्थ्य और जान को खतरे में डाल दिया है।
ब्रिटेन का ऐसा हाल
ब्रिटेन में जून में कोरोना पर से पाबंदियां हटा देने के बाद चौथी लहर शुरू हो गई, जो अब तक कहर बरपा रही है। हालांकि पहले इसका जोर कम था, लेकिन अक्टूबर महीने से एक बार फिर इसने तबाही मचानी शुरू कर दी है। यहां हर दिन औसतन 40 हजार मरीज मिल रहे हैं। इसके साथ ही 200 लोगों की रोज मौत भी हो रही है। 10 नवंबर को एक दिन में यहां 39 हजार से अधिक कोरोना मरीज पाए गए। 21 अक्टूबर को तो यह आंकड़ा 51 हजार से ज्यादा था।
फ्रांस का ऐसा हाल
फ्रांस में 4 अक्टूबर से पांचवीं लहर का प्रकोप जारी है और हर दिन औसतन 10 हजार मरीज मिल रहे हैं, जबकि हर दिन 40 से अधिक लोगों की मौत भी हो रही है। 10 नवंबर को यहां 11 हजार से ज्यादा मरीज पाए गए, जबकि 33 लोगों की मौत हो गई।
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टीकाकरण के कारण खतरा कम
इन दोनों देशों में टीकाकरण तेजी से जारी है। इसके बावजूद कोरोना महामारी का संक्रमण चरम पर है। हालांकि टीकाकरण का सकारात्मक असर देखा जा रहा है। इस कारण जहां अतिगंभीर मरीजों की संख्या कम है, वहीं मृतकों की संख्या भी कंट्रोल में है। फ्रांस में जहां 1076 मरीज आईसीयू में हैं, वहीं ब्रिटेन में ऐसे मरीजों की संख्या 1022 है।
भारत को सबक लेने की जरुरत
इन दोनों देशों से भारत को सबक लेने की जरुरत है। यहां के लोगों को कोरोना के नियमों का पूरी शिद्दत से पालन करना चाहिए, वर्ना यहां भी तीसरी लहर के खतरे से इनकार नहीं किया जा सकता।