ओमिक्रोन को हल्के में लेने की न करें भूल! डब्ल्यूएचओ ने बताया, कितना घातक है यह वेरिएंट

भारत में 19 जनवरी को पिछले 24 घंटों में 2,82,970 कोविड मामले आए, जो पिछले दिनों की अपेक्षा 18 प्रतिशत अधिक है।

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दुनियाभर में कोविड मामलों में लगातार बढ़ोतरी के बीच डब्ल्यूएचओ के प्रमुख टेड्रोस एडहानो घेब्रेसिएसस ने चेतावनी दी है कि कोरोन वायरस के ओमिक्रोन वेरिएंट बहुत घातक है। यह दुनियाभर में अस्पतालों में मरीजों के बढ़ने और मौतों का कारण बन रहा है। उन्होंने ओमिक्रोन से होने वाले संक्रमण को कमतर बताने को भ्रामक बताते हुए कहा है कि इसे हल्के में लेने की भूल ना करें।

जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के अनुसार दुनियाभर में कोरोना मामलों के बढ़ने के बीच डब्ल्यूएचओ के प्रमुख टेड्रोस एडहानो ने बताया कि वैश्विक कोरोना वायरस केस लोड 333.5 मिलियन से ऊपर है, जबकि मौतें 5.55 मिलियन से अधिक हो गई हैं। इसके साथ ही टीकाकरण 9.68 बिलियन से अधिक हो गया है। भारत में 19 जनवरी को पिछले 24 घंटों में 2,82,970 ताजा कोविड मामलों की सूचना दी गई, जो पिछले दिन की गिनती से 18 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी है।

डब्ल्यूएचओ ने दी चेतावनी
एम घेब्रेसिएसस ने चेतावनी दी है कि कोरोना वायरस का ओमिक्रोन वेरिएंट दुनियाभर में अस्पताल में भर्ती और मौतों का कारण बन रहा है और लोग यह कहानी बना रहे हैं कि यह एक हल्की बीमारी है, जो भ्रामक तथ्य है। उन्होंने यह भी कहा कि ओमिक्रोन औसतन कम गंभीर हो सकता है लेकिन इसे कम संक्रामक और हल्का बताना भ्रामक है, जिसके परिणामस्वरूप अधिक नुकसान पहुंचने के साथ अधिक अधिक लोगों की मौत हो सकती है। टेड्रोस के अनुसार, कोविड बहुत तेजी से फैल रहा है और कई लोग इसकी चपेट में हैं।

हर वेरिएंट खतरनाक, सावधानी जरुरी
उन्होंने जोर देते हुए कहा कि कई देशों के लिए अगले कुछ सप्ताह स्वास्थ्य व्यवस्था के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। मैं सभी से संक्रमण के जोखिम को कम करने के लिए अपनी पूरी कोशिश करने का आग्रह करता हूं ताकि आप व्यवस्था पर से दबाव कम करने में मदद कर सकें। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि ओमिक्रोन सहित कोविड-19 वायरस का हर वेरिएंट खतरनाक है और गंभीर बीमारी, मौत, म्यूटेशन के कारण कारण बन सकता है। इससे लड़ने के लिए हमारे पास मौजूद उपकरणों से इसके खतरे को कम किया जा सकता है।

दक्षिण अफ्रीका से हुई शुरुआत
उल्लेखनीय है कि कोरोना के नए ओमिक्रोन वेरिएंट की पहचान पहली बार पिछले साल नवंबर में दक्षिण अफ्रीका और बोत्सवाना में की गई थी।

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