बढ़ती महंगाई का एक और झटका आम जनता को लग सकता है। अगले कुछ दिनों में एलपीजी सिलेंडर और महंगे होने की संभावना है। सिलेंडर के लिए ग्राहकों को 1000 रुपये देने पड़ सकते हैं। इतना ही नहीं, सरकार एलपीजी सिलेंडर पर मिलने वाली सब्सिडी को भी रद्द कर सकती है। केंद्र सरकार के एक आंतरिक मूल्यांकन से पता चला है कि उपभोक्ता एलपीजी सिलेंडर के लिए 1,000 रुपये तक का भुगतान करने को तैयार हैं। हालांकि अभी तक केंद्र सरकार की ओर से इस बारे में कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है।
रिपोर्ट के अनुसार एलपीजी सिलेंडर पर सब्सिडी देने में सरकार की दो भूमिका हो सकती है। सरकार मौजूदा योजना में कोई बदलाव नहीं करेगी या केवल उज्ज्वला योजना के तहत आर्थिक रूप से अक्षम उपभोक्ताओं को सब्सिडी प्रदान करने का निर्णय लिया जा सकता है। हालांकि सरकार की ओर से अभी तक कोई स्पष्टीकरण नहीं आया है।
एक साल में छह गुना कम हुआ सरकारी सब्सिडी का बोझ
वित्त वर्ष 2020-21 में सरकार ने उपभोक्ताओं को सब्सिडी के तौर पर 3,559 करोड़ रुपए दिए थे। 2019-20 में यह आंकड़ा 24, 468 करोड़ रुपए था। इसका मतलब है कि सरकार ने एक साल में अनुदान में छह गुना की कटौती की है।
सब्सिडी के लिए वर्तमान नियम
मौजूदा नियमों के तहत अगर आपकी सालाना आय 10 लाख रुपये से ज्यादा है तो आपको एलपीजी सिलेंडर पर सब्सिडी नहीं मिलेगी। मई 2020 में कुछ स्थानों पर अनुदान बंद करने का निर्णय लिया गया।
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अब तक गैस सिलेंडर का दाम 190.50 रुपए बढ़ा
दिल्ली में एक जनवरी को एलपीजी सिलेंडर की कीमत 694 रुपए थी। अब एक सिलेंडर की कीमत 884 रुपए 50 पैसे हो गई है। दूसरे शब्दों में, जनवरी से अब तक एक सिलेंडर की कीमत 190.50 रुपये बढ़ गई है।
साढ़े सात साल में दोगुनी हो गई कीमत
पिछले साढ़े सात साल में एक घरेलू गैल सिलेंडर (14.2 किलो) की कीमत दोगुनी हो गई है। मार्च 2014 में 14.2 किलो के घरेलू गैस सिलेंडर की कीमत 410.05 रुपए थी, जो अब 884.50 रुपए हो गई है। भारत में करीब 29 करोड़ लोगों के पास एलपीजी कनेक्शन है। उज्ज्वला योजना के तहत आने वालों की संख्या करीब आठ करोड़ है।