स्वास्थ्य क्षेत्र में ड्रोन का इस्तेमाल टीबी की दवा ले जाने के लिए किया गया है। 16 फरवरी को एम्स ऋषिकेश से टिहरी गढ़वाल ड्रोन से टीबी की दवा को पहुंचाई गई। खास बात यह है कि दो किलो भार की दवा ले जा रहे ड्रोन ने 40 किमी की दूरी करीब 30 मिनट में तय की, जबकि आम तौर पर इस दूरी को तय करने में 2 घंटे का वक्त लगता है। हालांकि अभी यह ट्रायल फेस में ही है। ड्रोन को लेकर अब आगे की योजना, एम्स दिल्ली से झज्जर के कैंसर हॉस्पिटल तक जल्द ही एक ट्रायल करने की है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने बताया क्रांतिकारी बदलाव
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने इस उपलब्धि पर ट्वीट करके कहा कि ड्रोन का उपयोग कर स्वास्थ्य सेवा वितरण में क्रांतिकारी बदलाव है। एम्स ऋषिकेश में ड्रोन से दवा के वितरण का सफल परीक्षण किया गया। 40 किमी की हवाई दूरी 30 मिनट में तय कर पहाड़ी इलाकों तक आसानी से पहुंचा जा सकता है।