Baba Vishwanath: महाकुंभ के दौरान दो करोड़ 87 लाख श्रद्धालुओं ने किए बाबा विश्वनाथ के दर्शन,छह प्रमुख स्नान पर्वों पर टूटा रिकॉर्ड

प्रयागराज महाकुंभ की अवधि के दौरान लाखों श्रद्धालुओं के काशी पलट प्रवाह में श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन पूजन का सभी पिछला रिकॉर्ड टूट गया। इन 45 दिनों में श्री काशी विश्वनाथ धाम में दर्शन-पूजन का एक नया कीर्तिमान बना।

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Baba Vishwanath: प्रयागराज महाकुंभ की अवधि के दौरान लाखों श्रद्धालुओं के काशी पलट प्रवाह में श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन पूजन का सभी पिछला रिकॉर्ड टूट गया। इन 45 दिनों में श्री काशी विश्वनाथ धाम में दर्शन-पूजन का एक नया कीर्तिमान बना। महाकुंभ के तीन अमृत स्नान सहित सभी छह प्रमुख स्नान पर्वों पर दरबार में श्रद्धालुओं की संख्या में अभूतपूर्व वृद्धि देखी गई।

1 मार्च को श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार महाकुंभ के दो दिन पहले यानी 11 जनवरी से 28 फरवरी तक दरबार में 2 करोड़ 67 लाख, 13 हजार चार श्रद्धालुओं ने दर्शन पूजन किया। वहीं, 01 जनवरी से लेकर 28 फ़रवरी तक धाम में कुल 2 करोड़, 87 लाख, 11 हजार 233 श्रद्धालुओं ने हाजिरी लगाई।

महाकुंभ से बाबा विश्वनाथ के दरबार में पहुंचे श्रद्धालु
मंदिर न्यास के अनुसार वर्ष 2025 में सनातन धर्म का यह ऐतिहासिक और अनूठा महापर्व 13 जनवरी 2025 (पौष पूर्णिमा) से आरंभ हुआ और इसका समापन 26 फरवरी 2025 को महाशिवरात्रि के दिन हुआ। इस अवधि के दौरान, पूरे भारतवर्ष के विभिन्न प्रांतों से करोड़ों श्रद्धालु प्रयागराज संगम तीर्थ पर अमृत स्नान के लिए पहुंचे। इसके बाद महाकुम्भ से भारी संख्या में श्रद्धालु श्री काशी विश्वनाथ धाम में बाबा के दर्शन के लिए आए।

प्रमुख स्नान पर्वों पर दरबार में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या

पौष पूर्णिमा (13 जनवरी, 2025) पर कुल 3,42,646 और तिथि से पूर्व (12 जनवरी, 2025) को 3,19,381 दर्शनार्थियों ने श्री काशी विश्वनाथ धाम में दर्शन किए।

मकर संक्रांति पर्व (14 जनवरी, 2025) को कुल 3,61,275, तिथि के अगले दिन (15 जनवरी, 2025) को 4,53,161 दर्शनार्थियों ने दर्शन किए।

मौनी अमावस्या (29 जनवरी, 2025) पर कुल 4,73,119 तिथि से पूर्व (28 जनवरी, 2025) को 5,83,251, अगले दिन (30 जनवरी, 2025) को 7,29,578 दर्शनार्थियों ने धाम में दर्शन किए। इसी तरह बसंत पंचमी (3 फरवरी, 2025) के दिन धाम स्थित माता सरस्वती के विग्रह पर विशेष पूजा अर्चना की गयी। इस तिथि पर कुल 5,84,224, तिथि से पूर्व (02 फ़रवरी, 2025) को 4,61,759, अगले दिन (04 फ़रवरी, 2025) को 5,09,133 दर्शनार्थियों ने धाम में दर्शन किए। इसी क्रम में माघ पूर्णिमा (12 फरवरी, 2025) : पर कुल 7,78,697, तिथि से पूर्व (11 फ़रवरी, 2025) को 7,19,225 अगले दिन (13 फ़रवरी, 2025) को 8,26,194 दर्शनार्थियों ने श्री काशी विश्वनाथ धाम में दर्शन किए।

अन्तिम दिन महाशिवरात्रि (26 फरवरी, 2025) पर्व पर प्रातः कालीन मंगला आरती से चार प्रहर की चौथी आरती समाप्त होने तक कुल 11,69,553 श्रद्धालुओं ने बाबा विश्वनाथ के दर्शन किए। तिथि से पूर्व (25 फ़रवरी, 2025) को 6,77,297 ,अगले दिन (27 फ़रवरी, 2025) को 7,16,309 दर्शनार्थियों ने दर्शन किए।

महाशिवरात्रि पर्व पर विशेष तिथियों का विवरण
महाशिवरात्रि के अवसर पर बाबा विश्वनाथ के कपाट लगातार 46 घंटे के लिए श्रद्धालुओं के लिए खुले रहे। इस दौरान बाबा विश्वनाथ की विशेष पूजा-अर्चना और 04 प्रहर की आरती भी हुई। भक्तों के दर्शन के लिए लगातार कपाट खुले रहे। इस महापर्व पर विभिन्न अखाड़ों के नागा सन्यासियों ने भी शोभायात्रा निकाल कर दर्शन किया । प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर महापर्व पर धाम में हेलीकाप्टर द्वारा श्रद्धालुओं के ऊपर पुष्प वर्षा भी की गई। महाशिवरात्रि (26 फरवरी, 2025)पर्व की मंगला आरती से 27 फरवरी, 2025 की मध्यान्ह भोग आरती(प्रातः 11:40) तक कुल 14,58,227 और महाशिवरात्रि (26 फरवरी, 2025) की मंगला आरती से 27 फरवरी की रात्रि शयन आरती तक कुल 18,85,862 दर्शनार्थियों ने दर्शन किए।

महाशिवरात्रि की चार प्रहर की आरतियां
सूर्य अस्त होने के उपरांत सायं 06:00 बजे से लेकर अगली सुबह सूर्योदय से पूर्व 06:00 बजे तक कुल 5,56,526 श्रद्धालुओं ने बाबा विश्वनाथ के दर्शन का पुण्य लाभ प्राप्त किया।

माह जनवरी में मंदिर में 30—31 जनवरी को श्रद्धालुओं की सर्वाधिक भीड़ हुई। 30 जनवरी को 7,29,578 और 31 जनवरी को 7,53,151 श्रद्धालुओं ने दर्शन किया।

माह फ़रवरी में श्रद्धालुओं की सर्वाधिक संख्या वाली तिथियां
12 फरवरी को 7,78,697,13 फरवरी को 8,26,194 और 26 फरवरी को 11,69,553 श्रद्धालुओं ने दर्शन पूजन किया।

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वृद्ध, दिव्यांगजन, अशक्त, नवजात शिशु के परिजनों के लिए विशेष व्यवस्था
महाकुंभ पर्व के दौरान, मंदिर प्रशासन और पुलिस प्रशासन के सहयोग से विशेष रूप से वृद्धजनों, दिव्यांगजनों, अशक्त व्यक्तियों और नवजात शिशुओं के परिजनों के लिए एक समर्पित दर्शन व्यवस्था लागू की गई। इस व्यवस्था के तहत, इन श्रेणियों के लोगों को सामान्य दर्शन की कतार से अलग किया गया और उन्हें शीघ्र दर्शन की सुविधा प्रदान की गई, ताकि वे बिना किसी कठिनाई के अपने इष्ट के दर्शन प्राप्त कर सकें। प्रत्येक दिन लगभग 400 से 500 दिव्यांगजन, 300 से 350 वृद्धजन और 20 से 25 नवजात शिशुओं के परिजनों को इस विशेष दर्शन व्यवस्था का लाभ प्राप्त हुआ।

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