Dwarkadhish Temple: गोमती तट (Gomti Ghat) पर भगवान श्री कृष्ण का पवित्र मंदिर (holy temple of Lord Shri Krishna) है, जिसे द्वारकाधीश मंदिर (Dwarkadhish Temple) के नाम से जाना जाता है। पुरातत्व विभाग (Archaeological Department) के मतानुसार यह मंदिर 1200 वर्ष (1200 years old) पुराना है।
तार्किक रूप से अनुमान है कि भगवान श्री कृष्ण के एक परपोते वज्रनाभ ने लगभग 1400 ईसा पूर्व में छत्रों के घर के बचे हुए अवशेष समुद्रमा डुभी की स्थापना की थी।
राजाधिराज द्वारकाधीश जी के श्रृंगार आरती दर्शन🙏🏻
श्री द्वारकाधीश मंदिर द्वारका,गुजरात
दिनांक :- 09/01/2025 गुरुवार #dwarka #shringaraarti#shreedwarkadhishjagadmandirdwarka pic.twitter.com/AQ3uYpYaKq— Shree Dwarkadhish Jagad Mandir Dwarka (@DwarkaOfficial) January 9, 2025
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2500 साल पूर्व निर्माण
गोमती खाड़ी पर स्थित द्वारका का मुख्य मंदिर जगत मंदिर (सार्वभौमिक तीर्थ) या त्रिलोक सुंदर (तीनों लोकों में सबसे सुंदर) के नाम से जाना जाता है। माना जाता है कि मूल रूप से इसका निर्माण भगवान कृष्ण के परपोते वज्रनाभ ने 2500 साल से भी पहले कराया था, यह एक शानदार संरचना है जो अरब सागर के पानी से उठती हुई प्रतीत होती है। इसका उत्कृष्ट नक्काशीदार शिखर, 43 मीटर ऊंचा है और 52 गज कपड़े से बना विशाल ध्वज 10 किमी दूर से भी देखा जा सकता है।
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नरम चूना पत्थर से निर्मित
मंदिर की भव्यता गोमती नदी के किनारे इमारत के पिछले हिस्से तक जाने वाली 56 सीढ़ियों की उड़ान से और भी बढ़ जाती है। मंदिर नरम चूना पत्थर से बना है और इसमें एक गर्भगृह, बरामदा और तीन तरफ बरामदे वाला एक आयताकार हॉल है। इसमें दो प्रवेश द्वार हैं: स्वर्ग द्वार (स्वर्ग का द्वार), जहाँ से तीर्थयात्री प्रवेश करते हैं, और मोक्ष द्वार (मुक्ति का द्वार), जहाँ से तीर्थयात्री बाहर निकलते हैं।
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कैसे पहुँचें:
हवाई मार्ग
निकटतम हवाई अड्डा जामनगर और पोरबंदर में है। इन स्थानों से सड़क या रेल द्वारा द्वारकाधीश मंदिर तक पहुँचा जा सकता है।
रेल मार्ग
द्वारका शहर में द्वारका रेलवे स्टेशन है। रेलवे स्टेशन से द्वारकाधीश मंदिर लगभग 2 किमी दूर है, जहाँ सड़क मार्ग से पहुँचा जा सकता है।
सड़क मार्ग
NH-947 सीधे द्वारका शहर तक जाता है।
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