राजस्व प्राप्ति में पूर्व मध्य रेल बना पूरे देश में एक नंबर, ध्वस्त कर दिए अब तक के सभी रिकॉर्ड

पूर्व मध्य रेल ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए चालू वित्त वर्ष 2021-22 के पांच मार्च तक यात्री यातायात, माल ढुलाई से प्राप्त होने वाला राजस्व में रिकॉर्ड बनाया है।

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भारतीय रेलवे का पूर्व मध्य रेल लगातार रिकॉर्ड कायम कर रहा है। पिछले दिनों माल लदान में कीर्तिमान स्थापित करने के बाद पूर्व मध्य रेल द्वारा एक और उपलब्धि हासिल करते हुए चालू वित्त वर्ष 2021-22 के पांच मार्च तक यात्री यातायात, माल ढुलाई से प्राप्त होने वाला राजस्व रिकॉर्ड वृद्धि के साथ 20 हजार करोड़ को पार कर गया है। इस उपलब्धि के साथ पूर्व मध्य रेलवे पूरे देश में प्रथम स्थान पर पहुंच गया है। यह रेल राजस्व पूर्व मध्य रेल को अब तक के किसी भी वित्त वर्ष में प्राप्त रेल राजस्व की तुलना में सर्वाधिक है।

पहले का रहा है ऐसा रिकॉर्ड
मुख्य जनसंपर्क अधिकारी वीरेन्द्र कुमार ने बताया कि पिछले वित्तीय वर्ष 2020-21 में पूर्व मध्य रेल को 14 हजार पांच सौ सात करोड़ 76 लाख का रेल राजस्व प्राप्त हुआ था। वहीं, चालू वित्ती वर्ष 2021-22 में पांच मार्च तक 20 हजार 34 करोड़ 38 लाख रूपए का राजस्व प्राप्त हुआ है। यह राजस्व 2020-21 की तुलना में 55 सौ 26 करोड़ 62 लाख रुपए अधिक है। इस प्रकार पिछले वित्त वर्ष की तुलना में हुई राजस्व वृद्धि के मामले में पूर्व मध्य रेल भारतीय रेल में प्रथम स्थान पर रहा।

इस तरह रचा इतिहास
उन्होंने बताया कि पूर्व मध्य रेल द्वारा माल लदान के क्षेत्र में एक नया कीर्तिमान स्थापित करते हुए चालू वित्तीय वर्ष 2021-22 के फरवरी माह तक 150.07 मीलियन टन माल का लदान किया गया था। यह पूर्व मध्य रेल द्वारा किसी एक वित्तीय वर्ष में किये गये माल लदान की तुलना में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। इसके साथ ही पूर्व मध्य रेल को किसी एक वित्त वर्ष में 150 मिलियन टन या इससे अधिक माल का लदान करने वाले भारतीय रेल के तीन अन्य क्षेत्रीय रेलों के विशिष्ट क्लब में शामिल होने का गौरव प्राप्त है।

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