न्यायालय पहुंचा चुनाव आयोग! जानिये, क्या है मामला

मद्रास उच्च न्यायाल द्वारा तल्ख टिप्पणियों के मामले में चुनाव आयोग न्यायालय पहुंचा। न्यायालय ने कहा था कि चुनाव आयोग को कोरोना की दूसरी लहर फैलाने के लिए जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए।

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चुनाव आयोग मद्रास उच्च न्यायालय द्वारा चुनाव के दौरान की गई टिप्पणियों को लेकर न्यायालय पहुंचा। उच्च न्यायालय ने कहा था कि चुनाव आयोग को कोरोना की दूसरी लहर फैलाने के लिए जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए और उसके अधिकारियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया जाना चाहिए।

इन टिप्पणियों को लेकर आयोग ने कहा कि न्यायालय की इस तरह की टिप्पणियों से उसकी छवि धूमिल हुई है। आयोग ने इसे लेकर प्रसारित की जा रही खबरों पर भी रोक लगाने की मांग की है। मामले की अगली सुनवाई 1 मई को होगी।

मीडिया रिपोर्ट को लेकर भी जताई नाराजगी
मद्रास उच्च न्यायालय के समक्ष ईसीआई ने अपनी दलील में कहा कि मीडिया को सुनवाई के दौरान न्यायालय की मौखिक टिप्पणियों को नहीं दिखाना चाहिए। केवल आदेश में दर्ज टिप्पणियों की ही रिपोर्ट करनी चाहिए।

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चुनाव कराने की संवैधानिक जिम्मेदारी
आयोग ने ये भी कहा कि मीडिया रिपोर्टों में आयोग की छवि को एक स्वतंत्र संवैधानिक एजेंसी के रूप में धूमिल किया गया है, जिसे चुनाव कराने की संवैधानिक जिम्मेदारी सौंपी गई है। चुनाव आयोग ने मद्रास उच्च न्यायालय को बताया कि राजनैतिक नेता अपने कर्तव्य का पालन करने में विफल रहे हैं।

मतगणना को लेकर की थी ये टिप्पणी
न्यायालय ने कहा था कि अब हम आपको यह बता रहे हैं,कि अगर मई से पहले आपने कोविड प्रोटोकॉल के पालन को लेकर कोई ब्लूप्रिंट जारी नहीं किया तो हम मतगणना रुकवा भी सकते हैं। बता दें कि पश्चिम बंगाल, असम, केरल, तमिलनाडु और पुडुचेरी में हाल ही में मतदान कराए गए हैं। इस दौरान पूरे देश के साथ ही इन राज्यों में भी तेजी से कोरोना संक्रमण फैला। इसी मामले में न्यायालय ने आयोग के खिलाफ सख्त टिप्पणी की थी।

मतगणना केंद्रो पर जाने के लिए शर्त
इन प्रदेशो में कराए गए मतदान के मतों की गिनती दो मई को कराई जाएगी। मतगणना केंद्रों पर जाने के लिए आयोग ने सख्त आदेश जारी किए हैं। प्रत्याशियों या उनके एजेंट्स को मतगणना केंद्र पर जाने के लिए या तो उन्हें कोरोना जांच रिपोर्ट निगेटिव होने का प्रमाण देना होगा या फिर उन्हें दो बार टीका लगाए जाने के बारे में जानकारी पेश करनी होगी। इसके साथ ही दो मई किसी भी पार्टी द्वारा विजय जुलूस निकालने पर भी चुनाव आयोग ने रोक लगा दी है।

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