मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने 18 जनवरी को राजनीतिक दलों के साथ रिमोट वोटिंग मशीन पर हुई बैठक को सार्थक बताया। उन्होंने कहा कि भाग लेने वाले सभी राजनीतिक दलों ने अपने विचार साझा किए और देर तक चली चर्चा में भाग लिया।
उल्लेखनीय है कि चुनाव आयोग ने 16 जनवरी को रोजगार, शिक्षा व अन्य कारणों से अपने गृह नगर से देश के अन्य स्थानों में रह रहे नागरिकों को रिमोट वोटिंग की सुविधा देने पर विचार के लिए राजनीतिक दलों को आमंत्रित किया था। आयोग ने इससे जुड़ा प्रोटोटाइप भी तैयार किया है। हालांकि विपक्षी राजनीतिक दलों ने इसका विरोध करने का फैसला किया है।
तीन राज्यों में चुनाव की घोषणा
चुनाव आयोग ने 18 जनवरी को तीन राज्यों के विधानसभा चुनावों से जुड़े मतदान कार्यक्रम की घोषणा कर दी। इस दौरान पत्रकार वार्ता में एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि राजनीतिक दलों से चर्चा के बाद ही आयोग ने सुझाव देने की तारीखों को आगे बढ़ा दिया है। अब राजनीतिक दल 28 फरवरी तक रिमोट वोटिंग पर अपने सुझाव दे सकते हैं।
ईवीएम ने उन्हें भी जिताया, जिन्होंने इस पर उठाए सवाल
इस दौरान ईवीएम को लेकर भी एक बार फिर आयोग ने स्पष्टीकरण दिया। राजीव कुमार ने कहा कि उनका 18 जनरी का बयान आगे के इस तरह के सवालों को लेकर स्थायी बयान माना जाए। उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को आगे रखते हुए अपनी बात कही। उन्होंने कहा कि ईवीएम ने कई बार सत्तारूढ़ दल के खिलाफ नतीजे दिखाए हैं। ईवीएम पर सवाल उठाने वालों को भी इनसे हुए मतदान में जीत मिली है।
मतदान केन्द्रों पर स्थायी बुनियादी सुविधायें तैयार करेगा आयोग
एक विशेष घोषणा में चुनाव आयुक्त ने कहा कि मतदान केन्द्रों पर बुनियादी सुविधाओं को स्थाई तौर पर तैयार किए जाने का भी काम करने वाला है। इन चुनावों में उपहार स्वरूप उन स्कूलों में आयोग की ओर से पेयजल और शौच संबंधित स्थायी सुविधाएं भी विकसित की जायेंगी।