महाराष्ट्र में गर्मी की वजह से बिजली की मांग बढ़ गई है। यह मांग 28 हजार मेगावाट तक पहुंच गई है। मांग और आपूर्ति में लगभग साढ़े तीन हजार मेगावाट का अंतर निर्माण हो गया है। हालांकि ऊर्जा मंत्री नितिन राऊत ने भरोसा दिलाया है कि किसी भी स्थिति में राज्य को अंधेरे में नहीं जाने दिया जाएगा और बिजली आपूर्ति बाधित नहीं होने पाएगी।
बिजली कर्मचारी ने अपनी हड़ताल वापस ले ली है। उर्जा मंत्री ने कहा कि बिजली कर्मियों से बातचीत के दरवाजे खुले हैं। बातचीत के जरिए उनकी मांगों का हल निकाला जाएगा। ऊर्जा विभाग के प्रमुख सचिव इन सभी मामलों पर नजर बनाए हुए हैं। उन्होंने कहा कि अधिकांश बिजली के प्लांट चालू हैं। महानिर्मिति का विद्युत उत्पादन 10886 मेगावाट है, जो विद्युत उत्पादन क्षमता का 84 प्रतिशत है। इसमें से 16 फीसदी बिजली उत्पादन (2080 मेगावाट) विभिन्न और तकनीकी कारणों से कम हो गया है।
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बिजली उत्पादन प्रभावित
भुसावल में 210 मेगावाट की यूनिट नंबर 3 और परली में यूनिट नंबर 6 कोयले के कारण बंद हैं। चंद्रपुर में 500 मेगावाट की इकाई संख्या 6 और नासिक में 210 मेगावाट की इकाई संख्या 4 तकनीकी कारणों से बंद है। उरण में यूनिट नंबर 2 गैस की कमी के कारण बंद है। पानी की कमी और हड़ताल के कारण कोयना घाटघर वैतरणा और अन्य जल विद्युत परियोजनाओं से कुल 240 मेगावाट बिजली उत्पादन प्रभावित हुआ है।
बिजली की मांग काफी बढ़ी
बिजली की मांग काफी बढ़ गई है। दसवीं-बारहवीं की परीक्षा चल रही है। खेतों में फसल खड़ी है। बढ़ते तापमान के कारण कई लोगों को कूलर, एयर कंडीशनर और फ्रिज की जरूरत बढ़ गई है। बिजली की मांग 28 हजार मेगावाट तक पहुंच गई है। डेढ़ से दो हजार मेगावाट बिजली बाहर से खरीदी जा रही है। दूसरी ओर महावितरण का ग्राहकों पर बिजली बिल बकाया 64093 करोड़ रुपए तक पहुंच गया है।