मप्र के उज्जैन स्थित विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग भगवान महाकालेश्वर मंदिर के गर्भग्रह में श्रावण मास के दौरान भक्तों का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा। श्रावण मास में महाकालेश्वर मंदिर में उमड़ने वाली भीड़ को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है।
कलेक्टर आशीष सिंह की अध्यक्षता में 21 जून को हुई मंदिर प्रशासन तथा विभिन्न विभागों के अधिकारियों की बैठक में निर्णय लिया गया है कि श्रावण मास में महाकालेश्वर मंदिर के गर्भग्रह में श्रद्धालुओं को प्रवेश नहीं दिया जाएगा। एक माह तक केवल पुजारी, पुरोहित नियमित पूजा-अर्चना करेंगे। श्रद्धालुओं को गणेश मंडपम से भगवान महाकाल के दर्शन होंगे। कोरोना काल के दो साल बाद इस बार भगवान महाकाल की सवारी परंपरागत मार्ग से निकलेगी।
सुविधाओं का प्रबंध करना चुनौतीपूर्ण काम
कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि इन दिनों मंदिर के आसपास निर्माण कार्य चल रहे हैं। ऐसे में श्रावण मास के दौरान देश-विदेश से आने वाले हजारों यात्रियों के लिए सुविधाओं के इंतजाम करना चुनौतीपूर्ण काम है, लेकिन हर बार की तरह इस बार भी भक्तों को बेहतर सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। इसके लिए नृसिंह घाट के समीप स्थित सिद्ध आश्रम के नजदीक फैसिलिटी सेंटर बनाया जाएगा।
इस तरह की हैं गाइलाइंस
उन्होंने बताया कि यहां दर्शनार्थियों के लिए जूता-चप्पल स्टैंड, क्लाक रूम, प्रसाद काउंटर आदि समस्त प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध रहेंगी। दर्शनार्थी यहां जूते-चप्पल उतारकर बैरिकेड्स से होते हुए हरसिद्धि चौराहा, बड़े गणेश मंदिर के सामने से होते हुए फैसिलिटी सेंटर के शंख द्वार से मंदिर में प्रवेश करेंगे। दर्शन के उपरांत इसी मार्ग से सिद्ध आश्रम स्थित फैसिलिटी सेंटर पहुंचेंगे तथा गंतव्य की ओर रवाना होंगे। इस व्यवस्था से दर्शनार्थियों को सुविधा से आधे घंटे में भगवान महाकाल के दर्शन होंगे।