अब इटावा को मिलेगी नई पहचान, चंबल एक्सप्रेस-वे के निर्माण से मिलेगी ख्याति

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महाभारत कालीन सभ्यता से जुड़ा यूपी का इटावा जिला एक्सप्रेस वे हब बनता चला जा रहा है। आगरा लखनऊ एक्सप्रेसवे और बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के बाद अब चंबल एक्सप्रेस वे भी यूपी के इटावा से निकलेगा । तीन एक्सप्रेस वे के जुड़ाव वाला यूपी का पहला इटावा जिला माना जा रहा है। चंबल घाटी को कुख्यात डाकुओं की कर्मस्थली भी बोला जाता रहा है लेकिन प्रशासनिक और पुलिस की कसरत ने डाकुओं का खात्मा तो किया ही, अब एक्सप्रेस वे के जरिये विकास और रोजगार के नये रास्ते भी खोले हैं।

चंबल एक्सप्रेस बनने की खबर के बाद इटावा के लोगों में काफी खुशी दिखाई दे रही है। लोगों को लग रहा है कि तीनों एक्सप्रेस वे के जरिए इटावा में विकास की नई राह तो शुरू होगी ही साथ ही रोजगार के नए नए रास्ते भी खुलेंगे ।

पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री और सांसद प्रो. रामशंकर कठेरिया ने चंबल एक्सप्रेसवे की जानकारी देते हुए बताया कि इटावा में भरथना के पास नगरिया सरावा गांव में बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे से चंबल एक्सप्रेस वे का जुड़ाव होगा । इसके निर्माण के लिए करीब 8800 करोड़ का बजट प्रस्तावित है। चंबल एक्सप्रेस वे के इस साल आखिरी में शुरू हो जाने की उम्मीद जताई जा रही है। राजस्थान के कोटा से निकल कर यूपी के इटावा तक करीब 400 किलोमीटर दूरी तय करने वाला चंबल एक्सप्रेस वे फोरलेन होगा । इसी साल नवंबर माह से चंबल एक्सप्रेस वे का निर्माण शुरू हो जायेगा।

केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री और इटावा से भारतीय जनता पार्टी के सांसद प्रो. रामशंकर कठेरिया ने इस एक्सप्रेस-वे को जल्द से जल्द चालू करवाने के लिए मुलाकात भी की है।

चंबल एक्सप्रेस-वे मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और राजस्थान राज्यों में प्रस्तावित छह लेन का एक्सप्रेस-वे है । चंबल एक्सप्रेसवे नाम दिया गया है क्योंकि इसे चंबल नदी के किनारे बनाया जाएगा । एक्सप्रेस-वे राजस्थान में कोटा को उत्तर प्रदेश में श्योपुर और मुरैना जिलों के माध्यम से इटावा से जोड़ेगा । प्रस्तावित एक्सप्रेस-वे की लागत 8,800 करोड़ रुपये आंकी गई है।

417 किमी लंबा प्रस्तावित एक्सप्रेस-वे मध्य प्रदेश के माध्यम से कानपुर से कोटा तक एक वैकल्पिक मार्ग प्रदान करता है और फिर दिल्ली मुंबई काॅरिडोर में शामिल होता है। प्रस्तावित चंबल एक्सप्रेस-वे की कुल लंबाई 417 किलोमीटर है, जो राजस्थान के कोटा से शुरू होकर मध्यप्रदेश होते हुए यूपी के इटावा में बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे से जुड़ेगा।चंबल एक्सप्रेस-वे की प्रस्तावित परियोजना क्राॅस-कनेक्टिविटी प्रदान करेगा। स्वर्णिम चतुर्भुज का दिल्ली-कोलकाता काॅरिडोर के साथ उत्तर-दक्षिण कारिडोर के साथ पूर्व-पश्चिम गलियारा के साथ और दिल्ली-मुंबई-एक्सप्रेस-वे के साथ यह मध्य प्रदेश के माध्यम से कानपुर से कोटा तक एक वैकल्पिक मार्ग भी प्रदान करेगा ।

प्रस्तावित चंबल एक्सप्रेस-वे से कौन लाभान्वित होगा?
प्रस्तावित चंबल एक्सप्रेस-वे मुख्य रूप से चंबल क्षेत्र में आदिवासी समुदायों और दूर-दराज के क्षेत्रों में रहने वाले गरीबों के लिए एक गेम-चेंजर हो सकता है क्योंकि यह देश का सबसे पिछड़ा इलाका माना जाता है।

साथ ही, तीनों राज्यों यानी एमपी, राजस्थान और यूपी के किसान सबसे ज्यादा लाभान्वित होंगे क्योंकि वे अपनी फसलों को आसानी से दिल्ली,मुंबई के बाजारों में भेज सकेंगे। यह मध्य प्रदेश के चंबल संभाग के औद्योगीकरण और विकास में भी मदद करेगा।

उदी के निवासी महाराज सिंह भदौरिया ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इटावा को एक नया तोहफा दिया है इस तोहफ से इटावा की बदहाल तस्वीर मे बदलाव होगा । चंबल एक्सप्रेस वे राजस्थान के कोटा से शुरू होगा जो मध्यप्रदेश होते हुए उत्तर प्रदेश के इटावा मे बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे पर जुडेगा । यह एक्सप्रेस वे दुर्गम बीहड के इलाक से निकल रहा है ।

उदी निवासी राजेंद्र सिंह भदौरिया ने बताया है कि चंबल एक्सप्रेस के निर्माण के बाद रोजगार और विकास के नये नये आयाम भी खडे किये जाएंगे । यह एक्सप्रेस वे चंबल की खुशहाली में एक नगीने का काम करेगा । बीहडी वासियों की बदहाली हर हाल मे इस एक्सप्रेस वे के निर्माण के बाद दूर होगी ।

शहर के रहने वाले मुन्नालाल ने बताया कि चंबल एक्सप्रेस वे को इटावा से निकलवाने के लिए इटावावासी होने के नाते वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बहुत-बहुत धन्यवाद देते हैं क्योंकि इस चंबल एक्सप्रेस वे के बनने से इटावा की सूरत और सीरत में आमूल चूल परिवर्तन होगा ।

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पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री और इटावा से भाजपा के सांसद प्रो.रामशंकर कठेरिया ने बताया कि चंबल एक्सप्रेसवे इटावा के नगरिया सरावा गांव से जुड़ेगा। यहां पर इसे बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के किलोमीटर 285 से जोड़ा जाएगा।

उन्होंने कहा कि पहले यह एक्सप्रेसवे भरथना तहसील में जाकर खत्म हो रहा था। अब करीब 18 किलोमीटर इसका दायरा बढ़ाया गया है । उन्होंने बताया कि कोटा राजस्थान से चलकर करीब 400 किलोमीटर लंबा यह एक्सप्रेस वे बनेगा । उत्तर प्रदेश में यह करीब 47 किलोमीटर लंबा होगा । यह आठ हजार आठ सौ करोड़ की लागत से बनेगा और 12 मीटर चौड़ा होगा। फिलहाल इसे फोरलेन बनाया जाएगा। भविष्य में इसे सिक्स लेन करने की योजना है। इस संबंध में अभी हाल ही में केंद्रीय परिवहन एवं भूतल मंत्री नितिन गडकरी ने अपनी स्वीकृति प्रदान कर दी है।

सांसद ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के स्वर्णिम चतुर्भुज योजना के तहत केंद्र सरकार ने पूरे देश में एक्सप्रेसवे बनाना शुरू किया है। अभी हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे का शुभारंभ किया था। उन्होंने जिस तरीके से बुंदेलखंड को विशेष पैकेज दिया है, उसी तरह उन्होंने मांग की है कि इटावा, औरैया के चंबल के पिछड़े हुए क्षेत्र को विशेष पैकेज दिया जाए। रोजगार की दिशा में बड़े उपक्रम लगाए जाएं। उन्होंने कहा कि इससे चंबल का विकास होगा।

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