बीड़ी-सिगरेट व अन्य तंबाकू उत्पादों का सेवन करने वाले लोग न केवल अपने जीवन से खिलवाड़ करते हैं बल्कि घर-परिवार की जमा पूंजी को भी इलाज पर फूंक देते हैं। इसके लिए सरकार और स्वास्थ्य महकमे के साथ ही विभिन्न संस्थाएं भी लोगों को जागरूक करने में जुटी हैं। यह समस्या केवल भारत की नहीं बल्कि पूरे विश्व की समस्या बन चुकी है। इसी को ध्यान में रखते हुए हर साल 31 मई को विश्व तम्बाकू निषेध दिवस मनाया जाता है। जिसमें लोगों को तंबाकू के खतरों के प्रति सचेत किया जाता है।
तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी व एसीएमओ महेश कुमार ने कहा कि तंबाकू खाने वाले जगह-जगह थूकते हैं। इससे गन्दगी फैलती है और वातावरण को भारी नुकसान पहुंचता है। वर्ष 2022 के विश्व तंबाकू निषेध दिवस (31 मई) की थीम, “पर्यावरण के लिए खतरनाक है तंबाकू” है।
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डॉ कुमार बताते हैं कि बीड़ी-सिगरेट व अन्य तंबाकू उत्पादों के सेवन से देश में हर साल करीब तीन हजार लोग हर रोज दम तोड़ देते हैं। सरकार और स्वास्थ्य विभाग द्वारा इन आंकड़ों को कम करने का हरसंभव प्रयास किया जा रहा है। उनका कहना है कि शुरू में युवा दिखावे के चक्कर में सिगरेट व अन्य तंबाकू उत्पादों की गिरफ्त में आते हैं। बाद में इससे छुटकारा पाना बड़ा कठिन हो जाता है।
तंबाकू का सेवन करने वालों को करीब 40 तरह के कैंसर और 25 अन्य गंभीर बीमारियों की चपेट में आने की संभावना रहती है। इसमें मुंह व गले का कैंसर प्रमुख हैं। इसके अलावा इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता भी कमजोर पड़ जाती है। धूम्रपान करने वालों के फेफड़ों तक करीब 30 फीसद ही धुंआ पहुंचता है, बाकी बाहर निकलने वाला करीब 70 फीसद धुंआ उन लोगों को प्रभावित करता है जो कि धूम्रपान नहीं करते हैं। यह धुंआ (सेकंड स्मोकिंग) सेहत के लिए और खतरनाक होता है।
कार्यक्रम की जिला सलाहकार निधि बाजपेयी का कहना है की तम्बाकू के दुष्प्रभाव से बचने के लिए महिलाओं को आशा कार्यकत्री आंगनवाड़ी कार्यकर्ती के माध्यम से जागरूक किया जाता है। जिला अस्पताल की एनसीडी क्लीनिक में तंबाकू परामर्श केंद्र स्थापित किया गया है जहां पर तंबाकू छोड़ने के संबंध में निशुल्क परामर्श व दवाएं उपलब्ध कराई जाती हैं। जो लोग तंबाकू धूम्रपान जैसे जहर का सेवन कर रहे हैं, वह तंबाकू परामर्श केंद्र पर दी जा रही स्वास्थ सेवाओं का लाभ उठा सकते हैं। स्वयंसेवी संस्थाओं एवं जन जन के सहयोग से जनपद को तंबाकू मुक्त बनाया जा सकता है।
तंबाकू छोड़ने के ये हैं फायदे
हृदय की धड़कन और रक्तचाप घटकर सामान होना, रक्त संचार व फेफड़ों का बेहतर कार्य करना, हृदयाघात का जोखिम कम होना, खांसी थकान और सांस टूटने की शिकायत कम होना, मुंह, गले, भोजन नली, ब्लैडर, गर्भाशय,ग्रीवा और पाचक ग्रंथि के कैंसर का जोखिम कम हो जाता है।
काउंसलिंग के लिए यहां करें संपर्क
यदि आप धूम्रपान करते हैं और इसके दुष्प्रभाव को जानने व सही सलाह लेने के इच्छुक हैं तो जिला पुरुष अस्पताल में स्थापित तम्बाकू नियंत्रण केंद्र की सलाहकार निधि बाजपेयी से संपर्क कर सकते हैं।