प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 26 अप्रैल को कहा कि प्रत्येक पात्र बच्चे को जल्द से जल्द वैक्सीन देना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। इसके लिए उन्होंने राज्यों से विशेष अभियान चलाने का आह्वान किया।
प्रधानमंत्री ने कोरोना की स्थिति को लेकर की बैठक
प्रधानमंत्री मोदी ने कोरोना की स्थिति को लेकर 24वीं समीक्षा बैठक में समापन भाषण में कहा कि पिछले दो हफ्तों में कुछ राज्यों में कोविड-19 मामलों में वृद्धि का हवाला देते हुए कहा कि हमें सतर्क रहने की जरूरत है। हमें सार्वजनिक स्थानों पर कोविड-उपयुक्त व्यवहार को बढ़ावा देना होगा। उन्होंने कहा कि प्रत्येक भारतीय के लिए गर्व की बात है कि देश में 96 प्रतिशत वयस्क आबादी को कोविड वैक्सीन की कम से कम एक खुराक मिल गई है।
कोरोना का खतरा बरकरार
उन्होंने कहा कि कोरोना काल में जिस तरह केंद्र और राज्यों ने मिलकर काम किया, उसने कोरोना के खिलाफ देश की लड़ाई में अहम भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि ये स्पष्ट है कि कोरोना की चुनौती अभी पूरी तरह टली नहीं है। ओमिक्रोन और उसके सब वैरिएंट्स किस तरह गम्भीर परिस्थिति पैदा कर सकते हैं,ये यूरोप के देशों में हम देख सकते हैं।
स्कूल अभिभावकों की बढ़ी चिंता
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में लंबे समय के बाद स्कूल खुले हैं। ऐसे में कोरोना केस के बढ़ने से परिजनों की चिंता बढ़ रही है। कुछ स्कूलों से बच्चों के संक्रमित होने की खबरें आ रही हैं। संतोष का विषय है कि ज्यादा से ज्यादा बच्चों को वैक्सीन का कवच मिल रहा है।
6-12 वर्ष के बच्चों के लिए भी को-वैक्सीन टीके की अनुमति
उन्होंने कहा कि मार्च में हमने 12-14 वर्ष के बच्चों के लिए टीकाकरण शुरु कर दिया था। कल 6-12 वर्ष के बच्चों के लिए भी को-वैक्सीन टीके की अनुमति मिल गई है। उन्होंने कहा कि सभी योग्य बच्चों का जल्द से जल्द टीकाकरण हमारी प्राथमिकता है। इसके लिए पहले की तरह स्कूलों में विशेष अभियान चलाने की जरूरत भी होगी। टीचर्स और माता-पिता इसे लेकर जागरूक रहें, हमें ये भी सुनिश्चित करना होगा।
उन्होंने कहा कि तीसरी लहर के दौरान हमने हर दिन 3 लाख से अधिक केस देखे। हमारे सभी राज्यों ने इन्हें हैंडल भी किया और बाकी सभी सामाजिक, आर्थिक गतिविधियों को भी गति दी।
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