Maha Kumbh: प्रयागराज(Prayagraj) की पवित्र धरती पर चल रहे महाकुम्भ मेले(Mahakumbh Mela) के अंतिम स्नान पर्व(Last Bathing Festival) को लेकर लेकर हर ओर उत्साह और उमंग का वातावरण(Environment of excitement and enthusiasm) है। त्रिवेणी संगम(Triveni Sangam) के पवित्र जल में डुबकी लगाने के लिए देश-विदेश से श्रद्धालु(Devotees) लगातार प्रयागराज पहुंच रहे हैं। संगम की ओर जाने वाले हर मार्ग पर श्रद्धालुओं के जत्थे(Flocks of devotees) दिखाई दे रहे हैं। वातावरण में थोड़े—थोड़े अंतराल पर ‘हर हर महादेव’ और ‘गंगा मैया की जय’ के नारे गूंजते हैं। बता दें, 26 फरवरी को महाशिवरात्रि के स्नान के साथ महाकुम्भ मेले का समापन होगा।
स्थानीय मंदिरों में विशेष प्रबंध
श्रद्धालुओं की भारी संख्या को देखते हुए प्रशासन ने तीर्थराज के प्राचीन शिवालयों में दर्शन-पूजन का विशेष प्रबंध किया गया है। श्रीमनकामेश्वर महादेव, ऋणमुक्तेश्वर महादेव, शिवकोटि, गंगोली शिवालय, दशाश्वमेध महादेव, पंचमुखी महादेव, कोटेश्वर महादेव सहित हर शिवालय में बुधवार की सुबह से दर्शन-पूजन आरंभ हो जाएगा। मनकामेश्वर महादेव मंदिर में भोर से लेकर रातभर जप-तप चलेगा।
महाशिवरात्रि को बन रहा दुर्लभ संयोग
महाशिवरात्रि को दुर्लभ संयोग बन रहा है। पंडित अवधेश मिश्र शास्त्री के अनुसार फाल्गुन कृष्णपक्ष की त्रयोदशी तिथि 26 फरवरी की सुबह 9.19 बजे तक है। इसके बाद चतुर्दशी तिथि लग जाएगी, जो 27 फरवरी की सुबह 8.08 बजे तक रहेगी। चतुर्दशी तिथि पर महाशिवरात्रि का योग बनता है। उक्त तारीख पर श्रवण नक्षत्र शाम 4.10 तक है। इसके बाद घनिष्ठा नक्षत्र लगेगा। मकर राशि में चंद्रमा और कुंभ राशि के सूर्य, शनि व बुध संचरण करेंगे। यह मिलकर अमृत के समान योग बना रहे हैं।
क्या करना चाहिए
पंडिज जी के अनुसार, शिवलिंग में बेलपत्र के साथ जल अर्पित करने से काम, क्रोध, लोभ, मोह, मत्सर आदि विकारों से मुक्ति मिलती है। शिव भक्तों को शांति और ऐश्वर्य प्रदान करते हैं। महाशिवरात्रि का पर्व इसलिए भी बहुत ज्यादा शुभ माना जाता है, क्योंकि यह भगवान शिव और पार्वती के पावन मिलन का प्रतीक है। उक्त पर्व पर मांस, मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए। मन में किसी के प्रति द्वेष, छल, कपट का भाव नहीं रखना चाहिए।
इन बातों का रखें विशेष ध्यान
पंडित राम मोहन शुक्ल ने बताया कि, महाशिवरात्रि के दिन सुबह स्नान करें और सूर्य देव को जल अर्पित करें। जल में दूध, शहद, घी और गंगाजल मिलाकर शिवलिंग का अभिषेक करें। शिवलिंग पर बेलपत्र, मोली, अक्षत, फल, पान, सुपारी समेत आदी चीजें चढ़ाएं। देशी घी का दीपक जलाकर आरती करें और शिव चालीसा एवं मंत्रों का जप करें। पूजा के लिए उत्तर दिशा की तरफ मुंह करके बैठें। इस दिन काले रंग के कपड़े न पहनें। शिवलिंग की पूरी परिक्रमा न करें। शिवलिंग पर जल चढ़ाने के लिए तांबे के लोटे का प्रयोग करें। पूजा के दौरान किसी से वाद-विवाद न करें।
महाकुंभ में आज से नया ट्रैफिक प्लान
महाशिवरात्रि पर महाकुम्भ मेला क्षेत्र में नया ट्रैफिक प्लान लागू रहेगा। 25 फरवरी की सुबह 8 बजे से 27 फरवरी की सुबह 8 बजे तक मेला क्षेत्र में प्रशासनिक और चिकित्सीय वाहनों को छोड़कर अन्य सभी वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध रहेगा। महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालु अपने वाहनों को प्रशासन द्वारा निर्धारित 36 पार्किंग स्थलों पर खड़ा कर सकेंगे। श्रद्धालु निर्धारित पार्किंग स्थलों का ही उपयोग करें। पार्किंग स्थल से स्नान घाटों तक पहुंचने के लिए प्रशासन शटल बस सेवा उपलब्ध कराएगा। किसी भी आपातकालीन स्थिति में यातायात पुलिस, सुरक्षा बलों और चिकित्सा दलों की सहायता ली जा सकती है।
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64 करोड़ से ज्यादा कर चुके स्नान
13 जनवरी से शुरू हुए महाकुम्भ में अब तक 64 करोड़ से अधिक श्रद्धालु स्नान कर चुके हैं। मंगलवार दोपहर 12 बजे तक 68.31 लाख लोगों ने संगम में आस्था की डुबकी लगायी। सोमवार को 1.30 करोड़ श्रद्धालुओं ने पवित्र संगम में डुबकी लगायी थी।
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