उत्तराखंड की सिलक्यारा सुरंग (Silkyara Tunnel) में फंसे 41 श्रमिकों के 17 वें दिन मंगलवार रात सकुशल बाहर निकाल लिए जाने की खबर आते ही देश में खुशी की लहर दौड़ गई। जहां सुंरग से बाहर आए 41 श्रमिकों (41 workers) ने राहत की सांस ली वहीं, इनके परिवारों (Families) की अटकी सांसों को भी सुकून मिला। श्रमिकों के परिवारों में अब जश्न का माहौल है। दीपावली से फंसे श्रमिकों के परिवारों में पसरा अंधेरा खुशियों का पिटारा साथ ले कर आया है। श्रमिकों के परिवारों ने इस खुशी को दीपावली (Diwali) के तहर मनाया। अब उन्हें इंतजार इनके घर वापस लौटने का है।
परिवार के साथ पूरे गांव ने मनाई दीपावली
सुंरग सकुशल बाहर आए अंकित कुमार की पत्नी भूमिका चौधरी ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि जैसे ही उन्हें उनके पति को सुरक्षित बचा लेने की खबर मिली, उनके परिवार वालों के साथ पूरे गांव में दीपावली मनाई गई। उन्होंने बताया कि उनके पिता अंकित को वापस लाने के लिए उत्तराखंड गए हैं। उत्तर प्रदेश के श्रमिक राम मिलन का परिवार भी खुशी मना रहा है। उनके बेटे संदीप कुमार ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि बस अब उन्हें पिता के वापस घर आने का इंतजार है। बेटे ने बचाव अभियान में शामिल सभी लोगों का आभार व्यक्त किया और कहा कि अगर लोगों का प्रयास नहीं होता तो आज खुशी के पल वे नहीं देख पाते।
सफल अभियान के लिए जताया आभार
श्रमिक संतोष कुमार की मां ने बताया कि बेटे से फोन पर बात हुई है। वे इस समय अस्पताल में हैं और ठीक हैं। मां के लिए इससे बड़ी खुशी की बात और क्या हो सकती है। उन्होंने बताया कि इस खुशी की खबर से परिवार में दीपावली मनाई जा रही है। उन्होंने इस सफल अभियान के लिए सभी का आभार व्यक्त किया। (हि.स.)
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