देश में ओमिक्रोन के खतरा बढ़ता जा रहा है। यह अभी तक कई राज्यों में जहां यह पांव पसार चुका है, वहीं हर दिन नए मामले बढ़ते जा रहे हैं। इसे देखते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने सलाह दी है कि उत्तर प्रदेश के चुनाव स्थगित कर दिए जाएं। न्यायालय ने चुनाव आयोग से चुनाव स्थगित करने को कहा है। इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी राज्य में चुनाव संबंधी रैलियों पर प्रतिबंध लगाने और कुछ समय के लिए चुनाव स्थगित करने पर विचार करने की सलाह दी गई है। न्यायालय ने इस संबंध में दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान यह सलाह दी है।
न्यायमूर्ति शेखर यादव ने कहा, “यदि प्रतिबंध नहीं लगाया गया, तो परिणाम दूसरी लहर से भी बदतर हो सकते हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि संसार का अस्तित्व तभी है, जब जीवन है।
तीसरी लहर आने की आशंका
न्यायालय ने कहा कि हर दिन कोर्ट में सौ से अधिक मामलों की सुनवाई हो रही है, जिससे भारी भीड़ बढ़ रही है। साथ ही भीड़ के दौरान सामाजिक दूरी का भी पालन नहीं हो रहा है। न्यायाधीश ने कहा, “कोरोना की तीसरी लहर आने की संभावना है क्योंकि ओमिक्रोन के रोगियों की संख्या बढ़ रही है।” उन्होंने बढ़ते कोरोना रोगियों और कुछ देशों द्वारा घोषित लॉकडाउन की कुछ खबरों का भी जिक्र किया।
पश्चिम बंगाल चुनाव का दिया उदाहरण
न्यायमूर्ति ने कहा, “ग्राम पंचायत और पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों के दौरान कई लोग संक्रमित हुए और उनमें से कुछ की मौत हो गई।” उन्होंने कहा कि इस बार वह उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में दोहराया जा सकता है। इतनी भीड़ में कोरोना के नियमों का पालन संभव नहीं है।
जनसभा और भीड़ पर रोक लगाने की सलाह
न्यायमूर्ति शेखर यादव ने चुनाव आयोग से ओमिक्रोन के खतरे के मद्देनजर हर तरह की सभा और भीड़ को रोकने का अनुरोध किया। उन्होंने राजनीतिक दलों को टेलीविजन या समाचार पत्रों के माध्यम से प्रचार करने की भी सलाह दी। उन्होंने यह भी कहा कि सभी भारतीयों को जीने का अधिकार है।