अमरनाथ यात्रा के लिए श्रद्धालुओं का पहला जत्था आज जम्मू के आधार शिविर पहुंच गया है। यह वार्षिक यात्रा शनिवार से शुरू हो रही है। 62 दिन इस यात्रा का समापन 31 अगस्त को होगी। इस बार यात्रियों के लिए संपर्क स्थापित करने, लंगर और चिकित्सा सुविधा के अधिक व्यापक प्रबंध किए गए हैं।
अमरनाथ श्राईन बोर्ड के अनुसार मार्ग को सुगम बनाने के लिए यात्रा के दौरान चौकसी के लिए ड्रोन और सीसीटीवी से नजर रखी जाएगी। उन्होंने बताया कि यात्रा के लिए श्रद्धालुओं के नामांकन की विशेष व्यवस्था की गई है। 62 दिन की यात्रा अभी तक की सबसे लंबी यात्रा श्री अमरनाथ जी की होगी।
गौरतलब हो कि इस यात्रा में 13 वर्ष से लेकर 70 वर्ष तक के श्रद्धालु शामिल हो सकते हैं। उनको यहां आने से पहले अपना रजिस्ट्रेशन करवाना होता है। जिसके अलग-अलग माध्यम श्री अमरनाथ जी श्राइन बोर्ड द्वारा प्रेसक्राइब किए गए हैं। श्रद्धालुगण ऑनलाइन सुविधा के लिए अमरनाथ श्राइन बोर्ड की वेबसाइट की मदद भी ले सकते हैं। इसके अलावा बैंकों द्वारा भी अपना रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं जो यात्री यह नहीं अवेल कर पाते उनका जम्मू-कश्मीर आने के बाद ऑन स्पॉट रजिस्ट्रेशन का भी प्रावधान है।
जानकारी के अनुसार अमरनाथ जी यात्रा के लिए यात्री दो अलग-अलग रूट से अपनी यात्रा आरंभ कर सकते हैं। चाहे वो बालटाल एक्सेस है जो कि गांदरबल डिस्ट्रिक में मौजूद है दूसरा पहलगाम के जरिए अनंतनाग जिले से यह यात्रा आरंभ होती है। बालटाल के माध्यम से अगर यात्री ट्रेवल करते हैं तो उनको तकरीबन 14 किलोमीटर का ट्रेक जर्नी करना है, अगर वो पहलगाम के रास्ते नूनवाम बेस कैम्प में रुकने के बाद चंदनवाडी से अपनी यात्रा आरंभ करते हैं तो 32 किलोमीटर का पैदल मार्ग तय करना पड़ेगा।
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