भारतीय सैन्य बलों की सर्वोच्च कमांडर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने फ्लाइट लेफ्टिनेंट प्रदीप मुरुगन को वायु सेना मेडल से नवाजा है। गरुड़ फ्लाइट में कमांडिंग ऑफिसर के रूप में तैनात मुरुगन को यह सम्मान ‘ऑपरेशन रक्षक’ में बहादुरी के लिए मिला है। फ्लाइट लेफ्टिनेंट मुरुगन ने ऑपरेशन के दौरान आतंकवादी को 30 से 40 मीटर की दूरी से ढेर कर दिया था।
आतंकी को किया था ढेर
दरअसल, जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में 30 मई 2022 को ऑपरेशन चक राजपुरा के दौरान आतंकवादियों की मौजूदगी का खुफिया इनपुट मिला था। इस आधार पर एक कॉर्डन एंड सर्च ऑपरेशन (सीएएसओ) की योजना बनाई गई और टीम को लॉन्च किया गया। फ्लाइट लेफ्टिनेंट प्रदीप मुरुगन ने पश्चिमी दिशा से गार्ड दस्ते का नेतृत्व किया और लक्ष्य क्षेत्र की घेराबंदी कर दी। कुल 12 मकानों को घेरे में लिया गया। फ्लाइट लेफ्टिनेंट प्रदीप मुरुगन ने भारी मात्रा में जवाबी गोलीबारी करके आतंकवादी को भागने नहीं दिया। आतंकवादी की ओर से शुरुआती गोलीबारी के बाद लक्षित घर की पहचान की गई और घेराबंदी को लक्ष्य वाले घर की ओर स्थानांतरित कर दिया गया।
काफी खतरनाक था आतंकी
फ्लाइट लेफ्टिनेंट मुरुगन ने लाइट बुलेट प्रूफ वाहन (एलबीपीवी) को एलएमजी के साथ रखा। 31 मई 2022 को लगभग 4.00 बजे पकड़े गए आतंकवादी ने घेराबंदी तोड़ने के प्रयास में ग्रेनेड फेंका और गरुड़ खोज दल की ओर भारी मात्रा में गोलीबारी की। आने वाले गंभीर खतरे को भांपते हुए फ्लाइट लेफ्टिनेंट मुरुगन तुरंत मौके पर पहुंचे और आतंकवादी को 30 से 40 मीटर की दूरी से ढेर कर दिया। मारे गए आतंकवादी की पहचान बाद में लश्कर-ए-तैयबा के श्रेणी सी केतंजीम के रूप में की गई। असाधारण दक्षता और साहस के इस कार्य के लिए फ्लाइट लेफ्टिनेंट प्रदीप मुरुगन को वायु सेना पदक से सम्मानित किया गया है।