पूर्वोत्तर रेलवे ने कोहरे को देखते हुए ट्रेनों में ”फाॅग सेफ डिवाइस” लगाना अनिवार्य कर दिया है। इसी क्रम में करीब 219 यात्री ट्रेनों और 170 माल गाड़ियों के इंजनों में ”फाॅग सेफ डिवाइस” लगाने के दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं। यह डिवाइस सिस्टम में लगे ऑडियो और वीडियो के माध्यम से लोको पायलटों को अलर्ट करेगी।
पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन ने करीब 219 यात्री ट्रेनों और 170 माल गाड़ियों के इंजनों में ”फाॅग सेफ डिवाइस” लगाने के लिए दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। यह डिवाइस रास्ते में पड़ने वाले सभी सिग्नल, क्रॉसिंग और स्टेशनों की जानकारी देती रहेगी। लोको पायलटों को सिग्नल देखने के लिए इंजन से बाहर मुंह नहीं निकालना पड़ेगा। सिस्टम में लगे ऑडियो और वीडियो के माध्यम से लोको पायलट हर पल अलर्ट रहेंगे। ”फाॅग सेफ डिवाइस” जीपीएस पर आधारित है। इस सिस्टम में रेलवे की भौगोलिक संरचना दर्ज रहती है।
ऐसे टलेंगे हादसे
कोहरे में सिग्नल नजदीक आते ही ”फाॅग सेफ डिवाइस” लोको पायलटों को सतर्क करने लगेगी। 500 मीटर पहले ही डिवाइस से आवाज निकलने लगेगी, कृपया ध्यान दें, सिग्नल सामने है। डिवाइस से आवाज निकलने के साथ वीडियो पर भी सिग्नल दिखने लगेंगे। रेल दुर्घटनाओं पर पूरी तरह अंकुश लगाने, समय पालन दुरुस्त रखने और यात्रियों को सुरक्षित गंतव्य तक पहुंचाने के लिए रेलवे ने ट्रेनों के इंजनों में ”फाॅग सेफ डिवाइस” लगाना अनिवार्य कर दिया है। यह डिवाइस यात्री ट्रेनों के साथ अब मालगाड़ियों में भी लगने लगी हैं।
अधिकतम गति सीमा निर्धारित
रेलवे प्रशासन ने ट्रेनों के इंजनों में ”फाॅग सेफ डिवाइस” लगाने के साथ ही अधिकतम गति सीमा भी निर्धारित कर दी है। कोहरे में ट्रेनें 75 किलोमीटर प्रति घंटे से अधिक रफ्तार से नहीं चलेंगी। सबसे पीछे लगने वाले कोच में लाल बत्ती की जगह फ्लैशिंग टेल लैंप लगाई जा रही हैं। लोको पायलटों को समपार फाटकों पर ट्रेनों को नियंत्रित कर चलाने के निर्देश दिए गए हैं। फाटकों पर सीटी बजाना अनिवार्य है। इसके अलावा स्टेशनों, क्राॅसिंगों और सिग्नलों पर पारम्परिक नियमों और संसाधनों (चूना, पटाखा आदि) को भी लागू कर दिया गया है।
सभी ट्रेनों के इंजनों में लगेंगे फॉग सेफ डिवाइस
पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी के पंकज कुमार ने 9 नवंबर को बताया कि सभी ट्रेनों के इंजनों (लोकोमोटिव) में ”फॉग सेफ डिवाइस” लगाने के लिए दी जा रही है। कोहरे के मौसम में यात्रियों और माल परिवहन की सुरक्षा, संरक्षा के साथ बेहतर समय पालन की दिशा में यह एक प्रभावी व्यवस्था है।