पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ का 5 फरवरी को निधन हो गया। इस बात की जानकारी स्थानीय मीडिया ने दी है। परवेज मुशर्रफ का उपचार संयुक्त अरब अमीरात के एक अमेरिकी अस्पताल में चल रहा है। पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार, वे एमिलॉयडोसिस से जूझ रहे थे।
जानकारी के अनुसार परवेज मुशर्रफ चल भी नहीं सकते थे। वे व्हील चेयर के सहारे चलते थे। वे खा भी नहीं पाते थे। 10 जून 2022 को एमिलॉयडोसिस का पता चलने के बाद उन्हें संयुक्त अरब अमीरात के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इस बीमारी के कारण उनके अंग धीरे-धीरे फेल हो रहे थे। उन्हें पिछले वर्ष जून में वेंटिलेटर पर रखा गया था। इस बीमारी से जूझते हुए 5 फरवरी को परवेज मुशर्रफ का निधन हो गया।
दिल्ली में हुआ था जन्म
परवेज मुशर्रफ का जन्म 11 अगस्त, 1943 को दरियागंज, नई दिल्ली में हुआ था। 1947 में उनके परिवार ने पाकिस्तान जाने का फैसला किया। बंटवारे के कुछ दिन पहले उनका पूरा परिवार पाकिस्तान पहुंच गया था। फिर उनके पिता ने नई पाकिस्तानी सरकार के साथ काम करना शुरू किया और उन्हें विदेश मंत्रालय से जोड़ा गया।
कुछ साल बाद परवेज मुशर्रफ के पिता का तबादला तुर्की मे हो गया। 1949 में वे तुर्की चले गए। कुछ साल तुर्की में बिताने के बाद उन्होंने तुर्की बोलना सीखा। 1957 में मुशर्रफ का परिवार पाकिस्तान लौट आया। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा सेंट पैट्रिक स्कूल, कराची से और आगे की शिक्षा फॉरमैन क्रिश्चियन कॉलेज, लाहौर से पूरी की।
सुनाई गई थी मौत की सजा
परवेज मुशर्रफ को पाकिस्तान में मौत की सजा सुनाई गई थी। पाकिस्तान के इतिहास में पहली बार पेशावर हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश वकार अहमद सेठ की अध्यक्षता वाले विशेष न्यायालय की तीन सदस्यीय पीठ ने ऐसी सजा सुनाई थी।
इस मामले में सुनाई गई थी मौत की सजा
3 नवंबर 2007 को पाकिस्तान में आपातकाल लगाने के बाद दिसंबर 2007 के मध्य तक संविधान को निलंबित करने के लिए परवेज मुशर्रफ पर दिसंबर 2013 में देशद्रोह का आरोप लगाया गया था। मुशर्रफ को 31 मार्च 2014 को दोषी ठहराया गया था। 79 वर्षीय मुशर्रफ ने 1999 से 2008 तक पाकिस्तान पर शासन किया। मुशर्रफ मार्च 2016 से दुबई में रह रहे थे।