दुनिया की सबसे लंबी जल यात्रा पर रवाना होने के लिए तैयार लक्जरी गंगा विलास क्रूज 11 जनवरी को युवाओं के साथ गंगा में नौकायन कर रहे लोगों में आकर्षण का केन्द्र रहा। अस्सीघाट के समीप गंगा में क्रूज को देखकर युवा इसकी सेल्फी भी लेते रहे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 13 जनवरी को गंगा विलास क्रूज को हरी झंडी दिखाकर डिब्रूगढ़ रवाना करेंगे।
दुनिया की सबसे लंबी जलयात्रा पर रवाना होने के लिए तैयार गंगा विलास क्रूज 3,200 किलोमीटर से अधिक की यात्रा का लंबा सफर तय करेगा। यह क्रूज भारत एवं बांग्लादेश से गुजरने वाली 27 नदियों के रास्ते अपनी मंजिल डिब्रूगढ़ पहुंचेंगा।
क्रूज की खास बातः
-अंतरा क्रूज प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक राज सिंह ने मीडिया कर्मियों को बताया कि क्रूज में तीन डेक हैं। तीनों डेक पर अलग-अलग सुविधाएं पर्यटकों को मिलेगी। इको फ्रेंडली क्रूज में इसके कचरों को एक जगह एकत्र कर सुरक्षित रूप से निस्तारित किया जाता है। प्रदूषण का स्तर शून्य रखने के र्लिए इंधन के रूप में हाई स्पीड डीजल का इस्तेमाल किया जा रहा है।
-इसमें लगे ऑयल स्प्रेडर्स डीजल को गंगा में जाने से रोका जाता है। भारत में निर्मित इस क्रूज में 60 हजार लीटर पानी स्टोर करने की क्षमता है। क्रूज में आधुनिक उपकरणों से लैस एसटीपी लगाई गई है। राजसिंह के अनुसार गंगा विलास क्रूज की अपस्ट्रीम में रफ्तार 10 से 15 किलोमीटर प्रति घंटा है। डाउनस्ट्रीम में इसकी रफ्तार बढ़ जाती है। एक दिन में एक हजार लीटर डीजल क्रूज में खर्च होता है। इसकी ईंधन क्षमता 40 हजार लीटर की है।
गंगा विलास का आंतरिक साज—सज्जा बेहद आकर्षक
गंगा विलास क्रूज का आंतरिक साजसज्जा बेहद आकर्षक है। गंगा विलास क्रूज की लंबाई लगभग साढ़े 62 मीटर और चौड़ाई 12.8 मीटर है। इसमें पर्यटकों के रहने के लिए कुल 18 सुइट्स हैं। साथ में एक 40 सीट रेस्टोरेंट, स्पा रूम और 3 सनडेक हैं। साथ में म्यूजिक का भी व्यवस्था है। इसके अलावा 40 क्रू मेंबर के रहने की व्यवस्था भी इस क्रूज में हैं। इसमें सैलून, जिम जैसी सुविधाएं भी है। क्रूज पूरी तरह आत्मनिर्भर है। इसमें एसटीपी प्लांट है जिससे किसी भी तरह का मलजल गंगा में नहीं जाता। इसके साथ फिल्टरेशन प्लांट है । जिससे गंगा जल को शुद्ध करके उसे नहाने और दूसरे काम में भी लिया जायेगा।