इस साल नवरात्रि और दशहरा 7 से 15 अक्टूबर तक मनाया जाएगा। नवरात्रोत्सव के पहले दिन से ही महाराष्ट्र सरकार ने राज्य में मंदिरों और सभी धार्मिक स्थलों को खोलने की अनुमति दे दी है, लेकिन अभी तक कोरोना महामारी का खतरा टला नहीं है। इसलिए, राज्य सरकार ने नागरिकों से अपील की है कि वे इन त्योहारों के दौरान भीड़भाड़ से बचें और त्योहार मनाते समय उचित सावधानी बरतें।
गृह विभाग की ओर से नवरात्रोत्सव को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। इसके साथ ही गरबा और डांडिया को अनुमति देने से मना कर दिया गया है।
दिशा-निर्देश
- ब्रेक द चेन के तहत संशोधित दिशानिर्देशों का पालन करें।
- सार्वजनिक नवरात्रि समारोहों के लिए मंडलों द्वारा नगरपालिका या स्थानीय प्रशासन से अनुमति लेना जरूरी है
- सार्वजनिक मंडलों के लिए देवी की मूर्ति की ऊंचाई 4 फीट और घरेलू मूर्ति की ऊंचाई 2 फीट होनी चाहिए।देवी के
- आगमन और विसर्जन के अवसर पर शोभा यात्रा नहीं निकाली जानी चाहिए। विसर्जन से पहले घर में ही आरती करनी चाहिए।
- स्थानीय प्रशासन या नगरपालिका द्वारा जारी नियमों के अनुसार ही मंडप स्थापित किए जाने चाहिए।
- गरबा, डांडिया और अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन नहीं करना चाहिए। इसके स्थान पर रक्तदान जैसे अन्य शिविरों का आयोजन किया जाना चाहिए।
- विभिन्न माध्यमों से देवी के दर्शन के लिए ऑनलाइन सुविधा उपलब्ध कराने पर जोर दिया जाए।
- मंडप में एक बार में 5 से अधिक श्रमिकों की भीड़ नहीं होनी चाहिए। खाने-पीने की व्यवस्था करना भी सख्त मना है
- ध्यान रहे, आरती, भजन, कीर्तन में भीड़ नहीं हो।
- त्योहार को सरल तरीके से मनाया जाना है, इसलिए देवी की मूर्ति को घर के साथ-साथ सार्वजनिक मंडलों को भी साधारण तरीके से सजाया जाना चाहिए।
- विसर्जन के लिए स्थानीय प्रशासन द्वारा बनाए गए कृत्रिम तालाबों का अधिकतम उपयोग किया जाना चाहिए।
- विसर्जन के दिन यदि घर और सार्वजनिक क्षेत्र के परिसर प्रतिबंधित क्षेत्र में हों तो मूर्ति का विसर्जन सार्वजनिक स्थान पर नहीं किया जा सकता।
- 10वें दिन कुछ लोगों की उपस्थिति में रावण दहन का कार्यक्रम किया जा सकता है।
- त्योहार के दौरान स्थानीय प्रशासन या राज्य सरकार द्वारा दिए गए निर्देशों का सख्ती से पालन किया जाना जरुरी है।