मध्य प्रदेश के मेडिकल कॉलेज और सरकारी अस्पताल के डॉक्टर्स सरकारी नीतियों के विरोध में मंगलवार सुबह 11 बजे से सांकेतिक हड़ताल पर चले गए। इस दौरान प्रदेश भर के सरकारी अस्पतालों में मरीज इलाज के लिए परेशान होते रहे। हड़ताली डॉक्टर्स का कहना है कि अगर सांकेतिक हड़ताल के बाद भी उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो वे बुधवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे।
सरकारी नीतियों का विरोध
प्रदेश भर के सरकारी डॉक्टर दोपहर 1 बजे तक सांकेतिक हड़ताल पर रहे। डॉक्टर्स सुबह 11 बजते ही कुर्सियों से उठ गए और ओपीडी तथा आईपीडी में काम बंद कर दिया। डॉक्टरों की मांग है कि समयबद्ध क्रमोन्नति दी जाए और मेडिकल डिपार्टमेंट्स के तकनीकी मामलों में प्रशासनिक दखल को खत्म किया जाए। डॉक्टर्स की सांकेतिक हड़ताल के चलते अस्पतालों के वार्डों में भर्ती मरीजों को ट्रीटमेंट के लिए परेशानी का सामना करना पड़ा।
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चिकित्सा शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य विभाग और भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास विभाग के डॉक्टर्स ने मप्र शासकीय स्वशासी चिकित्सक महासंघ की अगुवाई में 1 मई को आंदोलन की शुरुआत की है। आंदोलन के पहले दिन डॉक्टर्स ने सरकारी नीतियों के विरोध में काली पट्टी बांधकर काम किया था। मंगलवार को सरकारी अस्पतालों के डॉक्टर्स की दो घंटे की काम बंद हड़ताल का सबसे ज्यादा असर भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर और रीवा के मेडिकल कॉलेजों से जुड़े अस्पतालों में देखने को मिला।
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