आज व्यक्तिगत, सामाजिक एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अशांति है। लेकिन, मानवता के सामने आने वाली सभी समस्याओं का समाधान सनातन धर्म की ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ की व्यापक नीति में निहित है। राज्यपाल रमेश बैस ने कहा कि सनातन धर्म की इस शिक्षा को वैज्ञानिक ढंग से समझाने और युवाओं तक पहुंचाने का अमेरिकी लेखक आनंद मैथ्यू शॉकी का काम महत्वपूर्ण है।
अमेरिकी सिनेमैटोग्राफर और सनातन धर्म के विद्वान आनंद मैथ्यू शॉकी द्वारा लिखित पुस्तक ‘इन क्वेस्ट ऑफ गुरु’ का विमोचन शनिवार (16 तारीख) को राज्यपाल रमेश बैस ने राजभवन मुंबई में किया। इस मौके पर वे बोल रहे थे।
बच्चों को नहीं सिखाई जाती जीने की कला
राज्यपाल ने कहा, “आज विद्यार्थियों को विद्यालय में भौतिक ज्ञान-विज्ञान पढ़ाया जाता है। बच्चों का आईक्यू बढ़ रहा है। लेकिन उन्हें जीने की कला नहीं सिखाई जाती। अत: बच्चों से लेकर वयस्कों तक व्यक्तिगत, सामाजिक एवं राष्ट्रीय स्तर पर लोग बेचैन हैं। हालांकि, सनातन धर्म के माध्यम से व्यक्तिगत, सामाजिक और अंतर्राष्ट्रीय समस्याओं का समाधान किया जा सकता है।”
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गुरु का बहुत महत्व
राज्यपाल ने कहा,”भारतीय दर्शन में गुरु का बहुत महत्व है। गुरु को भगवान से भी ज्यादा महत्व दिया जाता है, क्योंकि गुरु ही भगवान को पाने का रास्ता बताते हैं। गुरु की खोज वास्तव में स्वयं की खोज है। राज्यपाल ने लेखक को बधाई देते हुए कहा कि आनंद मैथ्यू ने गुरु की तलाश कर रहे युवाओं को सनातन धर्म के अनुभवजन्य दर्शन को सरल भाषा में समझाया है।”
लेखक आनंद मैथ्यू ने अपने परिचय में अमेरिका से भारत आने की आध्यात्मिक यात्रा और गुरु की खोज के बारे में जानकारी दी है।
ये रहे उपस्थित
विश्व संवाद केंद्र द्वारा आयोजित पुस्तक विमोचन समारोह में सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारी मेजर जनरल जीडी बख्शी, कर्नल अशोक किनी, पुस्तक के लेखक आनंद मैथ्यू शॉकी, आध्यात्मिक गुरु मोहनजी, विश्व संवाद केंद्र के मुख्य संचार अधिकारी निशीथ भंडारकर और अन्य आमंत्रित लोग शामिल हुए।