Gujarat: देश के ग्रोथ इंजन और विकास के रोल मॉडल गुजरात(Gujarat is the country’s growth engine and role model for development) में देश और दुनिया के उद्योगों एवं निवेशकों को निवेश के लिए प्रेरित करने वाली वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट-2024(Vibrant Gujarat Global Summit-2024) के पूर्वार्ध में 3 जनवरी को मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल(Chief Minister Bhupendra Patel) की उपस्थिति में गांधीनगर में रिकॉर्ड बना(Record made in Gandhinagar)। एक ही दिन में 7 लाख 12 हजार 250 करोड़ रुपये के प्रस्तावित निवेशों के लिए समझौता ज्ञापनों (MOU) पर हस्ताक्षर किए गए।
कुल 58 एमओयू पर किए गए हस्ताक्षर
उद्योगों और निवेशकों ने राज्य सरकार के साथ विभिन्न क्षेत्रों में निवेश के लिए 58 एमओयू पर हस्ताक्षर किए। इससे भविष्य में रोजगार के लगभग 3 लाख 70 हजार 165 प्रत्यक्ष और परोक्ष अवसर सृजित होंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा व्यापार-उद्योग के वैश्विक मानचित्र पर गुजरात को आगे रखने के उद्देश्य से राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में 2003 से शुरू की गई वाइब्रेंट समिट का 10वां संस्करण 10 से 12 जनवरी के दौरान आयोजित होने जा रहा है।
हर बुधवार को एमओयू साइन करने का कार्यक्रम
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के मार्गदर्शन में राज्य सरकार ने एक अभिनव दृष्टिकोण अपनाते हुए वाइब्रेंट समिट-2024 के पूर्वार्ध के रूप में हर बुधवार को गांधीनगर में मुख्यमंत्री और मंत्रियों की प्रत्यक्ष मौजूदगी में विभिन्न उद्योगों के साथ एमओयू करने का कार्यक्रम शुरू किया है। इसके तहत अब तक आयोजित 16 श्रृंखलाओं में हुए 177 एमओयू के जरिए 3 लाख 14 हजार 469 करोड़ रुपये के प्रस्तावित निवेश और उसके माध्यम से लगभग 9 लाख 19 हजार रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। मुख्यमंत्री और राज्य मंत्रिमंडल के वरिष्ठ सदस्यों की उपस्थिति में इस बुधवार, 3 जनवरी को इस एमओयू श्रृंखला के 17वें चरण में एक ही दिन में 7,17,250 करोड़ रुपये के संभावित निवेशों के 58 प्रोजेक्ट के एमओयू का आदान-प्रदान किया गया। इसके परिणामस्वरूप भविष्य में 3,70,165 संभावित रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
17 चरणों में कुल मिलाकर विभिन्न 234 एमओयू साइन
इस बुधवार को हुए 58 एमओयू में केंद्र और राज्य सरकार के सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम एनटीपीसी, पावर फाइनेंस कॉर्पोरेश लिमिटेड, पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन लिमिटेड, ओएनजीसी, एचपीसीएल, आईओसीएल तथा राज्य सरकार के उद्यम गुजरात इंडस्ट्रियल पावर कॉर्पोरेशन और गुजरात स्टेट इलेक्ट्रिक कॉर्पोरेशन द्वारा भी एमओयू किए गए। इसके अलावा, प्रतिष्ठित और अग्रणी उद्योग समूहों ने भी विभिन्न क्षेत्रों में निवेश के एमओयू पर हस्ताक्षर किए। इस तरह, अब तक आयोजित 17 चरणों में कुल मिलाकर विभिन्न 234 एमओयू किए गए हैं, जिनके माध्यम से 10,31,250 करोड़ रुपये से अधिक का संभावित पूंजी निवेश और 12,89,078 से अधिक रोजगार सृजन के अवसर पैदा होने का अनुमान है। जिन क्षेत्रों में संभावित निवेशों के लिए इन एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए हैं, उनमें इलेक्ट्रिक व्हीकल, कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण, ऑटोमोबाइल, बायोटेक्नोलॉजी, सीमेंट, केमिकल्स और पेट्रोकेमिकल्स, बंदरगाह, शिक्षा, इंजीनियरिंग, हेल्थकेयर और फार्मास्युटिकल, इंडस्ट्रियल पार्क, आईटी-आईटीईएस, लॉजिस्टिक्स, ऑयल एंड गैस, पैकेजिंग, प्लास्टिक, पावर, ग्रीन हाइड्रोजन एवं रिन्यूएबल एनर्जी, टेक्सटाइल एवं अपैरल, पर्यटन एवं नागरिक उड्डयन और शहरी विकास जैसे कई निर्णायक क्षेत्र शामिल हैं।
मुख्यमंत्री ने बताया ऐतिहासिक
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने एक ही दिन में 7 लाख 17 हजार करोड़ रुपये के संभावित निवेशों के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर की इस गौरवपूर्ण घटना को राज्य के इतिहास की एक उपलब्धि करार दिया। उन्होंने कहा कि इस समिट की लगातार सफलता के चलते गुजरात देश और दुनिया के निवेशकों के लिए निवेश का पसंदीदा स्थल बन गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वाइब्रेंट समिट में होने वाले एमओयू के कार्यान्वयन से गुजरात में रोजगार और आर्थिक उन्नति के अनेक अवसर पैदा हुए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि उद्योगों में निवेश के लिए आने वाले निवेशकों को किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े, इसके लिए राज्य सरकार सक्रिय दृष्टिकोण के साथ मदद के लिए तैयार है। वित्त एवं ऊर्जा मंत्री कनुभाई देसाई, उद्योग मंत्री बलवंतसिंह राजपूत, राज्य मंत्री हर्ष संघवी इस एमओयू आदान-प्रदान अवसर के साक्षी बने।
3 जनवरी को 17वीं श्रृंखला
बुधवार को एमओयू आदान-प्रदान की 17वीं साप्ताहिक श्रृंखला में जिन 58 एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए हैं, उनमें 2 हजार करोड़ रुपये से कम राशि के निवेश वाले 21 एमओयू, 2 हजार से 5 हजार करोड़ रुपये तक के निवेश वाले 12, पांच से 10 हजार करोड़ रुपये के निवेश के 8 तथा 10 हजार करोड़ रुपये से अधिक निवेश वाले 17 एमओयू शामिल हैं। इन एमओयू से ऊर्जा, उद्योग, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, शहरी विकास तथा स्वास्थ्य क्षेत्र में प्रस्तावित निवेश आएगा।