यदि रोस्टिंग नहीं होती तो बिजली की मांग वाला उत्तर प्रदेश नम्बर वन प्रदेश बन जाता। 25 जुलाई को बिजली विभाग के जारी आंकड़ों के अनुसार पिछली रात को अधिकतम बिजली की मांग 28284 मेगावाट थी, जबकि पूरे देश में सबसे ज्यादा बिजली मांग वाला प्रदेश महाराष्ट्र में अब तक अधिकतम बिजली की मांग 28800 रही है।
बढ़ती उमस के साथ ही बढ़ रही बिजली की मांग के कारण अधिकारियों के हाथ-पांव फूल गये हैं। इसका कारण यह भी है कि पावर कारपोरेशन स्वयं ही इस वर्ष का 27800 मेगावाट तक अधिकतम बिजली की मांग का अनुमान लगाया था और उसी अनुसार बिजली विभाग काम कर रहा था।
29 हजार मेगावाट तक बढ़ जाती मांग
यह मांग की स्थिति तब है, जब पूरे प्रदेश में रोस्टिंग और लोकल फाल्ट के कारण काफी बिजली कटौती हो रही है। उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा को कहना है कि रोस्टिंग आदि नहीं होता तो 600 मेगावाट के मांग की वृद्धि और होती अर्थात यह मांग 29 हजार मेगावाट पहुंच जाती। इस बढ़ती मांग के कारण मंगलवार को ऊर्जा मंत्री ए.के. शर्मा ने भी बिजली बचल करने की गुहार लगायी है। उन्होंने अपने ट्वीटर हैंडल से लिखा है कि भीषण गर्मी और उमस के चलते बिजली की मांग हर पल बढ़ रही है। 24 जुलाई रात यह मांग 28284 मेगावाट थी। हम इस ऐतिहासिक मांग को पूरा करने में लगे हैं। बिजली की बचत ज़रूरी है। बिजली का बिल भरना और भी ज़रूरी है।
इस तरह रही है बिजली की मांग
जुलाई माह में बिजली की अधिकतम मांग एक जुलाई को 22594 मेगावाट रही। वहीं दो जुलाई को 23329, तीन जुलाई को 24593, चार जुलाई को 25137, पांच जुलाई को 25337, छह जुलाई को 24732 मेगावाट रही। वहीं 19 जुलाई से ही लगातार अधिकतम बिजली की मांग 27 हजार मेगावाट से ऊपर रही है। 23 जुलाई को 28043 मेगावाट अधिकतम बिजली की मांग रही। बढ़ती उमस को देखकर पहले ही अनुमान लगाया जा रहा था कि 24 जुलाई को अधिकतम बिजली की मांग में और वृद्धि होगी। यह मांग 28284 मेगावाट पहुंच गयी। 25 जुलाई को उमस में कमी के कारण बिजली की मांग में भी कमी आने का अनुमान है।