Haldia: हल्दिया (Haldia) को पश्चिम बंगाल (West Bengal) की विरासत राजधानी (Heritage Capital) के रूप में जाना जाता है। अक्सर इसे कोलकाता की सहायता करने वाला एक मात्र नदी बंदरगाह माना जाता है, लेकिन हल्दिया में और भी कई खजाने हैं जो इस जगह को पश्चिम बंगाल का अगला प्रमुख पर्यटन केंद्र बनाते हैं।
हल्दिया एक ऐसी जगह है जो प्रकृति की सुंदरता को स्मारकों की सुंदरता के साथ जोड़ती है। इस शहर को केवल एक औद्योगिक दिग्गज न समझें क्योंकि यहाँ कई अनदेखे और छिपे हुए अनमोल स्थान हैं जिन्हें आप किंवदंतियों की इस प्राचीन भूमि पर जाकर देख सकते हैं।
यह भी पढ़ें- Hogenakkal Falls: मानसून में बैंगलोर से होगेनक्कल तक का सफर? धोखेबाजों से बचने के लिए टिप्स
महिषादल राजबाड़ी और गोपालाजू मंदिर (Mahishadal Rajbari and Goplajew Temple)
यह महल उत्तर प्रदेश के जनार्दन उपाध्याय (गर्ग) के निवास के रूप में बनाया गया था, जो अक्सर व्यापार के लिए इस स्थान पर आते थे। इस महल के खूबसूरत प्रांगण में प्रसिद्ध कृष्ण मंदिर और गोपालजी मंदिर हैं। जानकी देवी के शासन के बाद भगवान शिव की मूर्तियाँ भी रखी गईं। मंदिर के प्रवेश द्वार के दोनों ओर जगन्नाथ मंदिर और नटमंदिर हैं। इस विशाल क्षेत्र में दो महल हैं, पुराना महल और नया महल। बंगाल के लोगों की परंपराओं और संस्कृतियों की झलक पाने के लिए यह जगह देखने लायक है।
यह भी पढ़ें- Monsoon Session 2024: संसद में विपक्ष पर अश्विनी वैष्णव का फूटा गुस्सा, जानें क्या कहा
मरीन ड्राइव (Marine Drive)
कोस्ट गार्ड जेट्टी से तीसरे तेल जेट्टी पॉइंट तक 6 किलोमीटर लंबा एक खूबसूरत रास्ता इस बंदरगाह शहर का एक और प्रमुख पर्यटक आकर्षण है। सड़क के दोनों ओर ताड़ के पेड़ लगे हुए हैं और अक्सर जहाज़ किनारे पर लंगर डाले हुए नज़र आते हैं। यह हल्दिया के सबसे खूबसूरत नज़ारों में से एक है क्योंकि यह भीड़ भरे शहर से आश्चर्यजनक विपरीतता को दर्शाता है। आप शाम की सैर और खूबसूरत सूर्यास्त की एक झलक पाने के लिए इस जगह पर जा सकते हैं जो वास्तव में आपको आश्चर्यचकित कर देगा।
यह भी पढ़ें- Prem Mandir Vrindavan: प्रेम मंदिर वृंदावन के बारे में रोचक तथ्य जानने के लिए पढ़ें यह खबर
सताकू (Sataku)
इस जगह को ‘मिनीजापान’ के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि यहाँ मुख्य रूप से जापानी लोग रहते हैं। मित्सुबिशी केमिकल्स कॉर्पोरेशन के कई कर्मचारी यहाँ रहते हैं। जापानी संस्कृति और परंपराओं के कारण यह जगह अनोखी और दिलचस्प है। इस जगह को मिनी जापान बनाने वाली चीजें यहाँ के जापानी खाने-पीने के अड्डे, सिनेमा हॉल और न्यूज़ स्टेशन हैं। अगर आप हल्दिया जाएँ तो यहाँ आना न भूलें और कुछ समय के लिए जापान में रहने का एहसास करें।
यह भी पढ़ें- Patiala House Court: पूजा खेडकर को न्यायलय से नहीं मिली रहत, कोर्ट ने खारिज की अग्रिम जमानत याचिका
हल्दिया डॉक और पोर्ट (Haldia Dock and Port)
इस पोर्ट को कोलकाता पोर्ट के लिए तनाव से राहत देने वाला पोर्ट कहा जा सकता है। इस पोर्ट ने 1968 में काम करना शुरू किया और 1977 में इसने अंतरराष्ट्रीय परिचालन शुरू किया। यह वह जगह है जिसकी वजह से हल्दिया को पोर्ट सिटी कहा जाता है और यह हल्दिया का व्यावसायिक केंद्र है। यह जगह शहर का गौरव है जिसमें कड़ी मेहनत और बलिदान की कई अनकही कहानियाँ छिपी हैं। डॉक और पोर्ट को देखे बिना हल्दिया की आपकी यात्रा अधूरी रहेगी।
तामलुक राजबाड़ी (Tamluk Rajbari)
शहर के बाहरी इलाके में स्थित होने के कारण यह महल वास्तुकला के शानदार नज़ारे का प्रतीक है। इस परम सौंदर्य को पश्चिम बंगाल के राजा ने बसाया था। इस महल को बंगाल के प्राचीन इतिहास का एक बेहतरीन खजाना माना जाता है। इस महल में स्थित मंदिर 2500 साल पुराना माना जाता है। इस जगह पर जाकर आप इस महल में संग्रहीत राजा के निजी सामान की एक झलक पाकर सुनहरे इतिहास की सकारात्मक ऊर्जा को महसूस कर सकते हैं।
यह वीडियो भी देखें-
Join Our WhatsApp Community