Madhya Pradesh High Court: भोजशाला में पांचवें दिन एएसआई का सर्वे, किया गया हनुमान चालीसा का पाठ

भोजशाला में एएसआई का सर्वे भी शुरू हो चुका है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग की टीम भोजशाला के पिछले हिस्से में यह सर्वे कार्य कर रही है, ताकि किसी भी तरह से हिंदू समाज के लोगों को परेशानी का सामना नहीं करना पड़े।

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Madhya Pradesh High Court की इंदौर खंडपीठ(Indore Bench) के आदेश पर धार की ऐतिहासिक भोजशाला में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग(Archaeological Survey of India) का सर्वे पांचवें दिन 26 मार्च को भी जारी है। इसी बीच भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने 26 मार्च को हिन्दुओं को पूजा-अर्चना की अनुमति(Hindus allowed to worship) दी गई है। इसके तहत सुरक्षा जांच के बाद बड़ी संख्या में श्रद्धालु भोजशाला में पहुंचे और हनुमान चालीसा का पाठ(Hanuman Chalisa recitation) किया।

सुरक्षा के कड़े इंतजाम
कड़े सुरक्षा इंतजाम के बीच प्रत्येक श्रद्धालुओं की चेकिंग की गई और मोबाइल ले जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। पूजा के बाद बाहर आए श्रद्धालुओं ने कहा कि सर्वे के फैसले से हिंदू समाज खुश है। यहां 1952 से लगातार सत्याग्रह चल रहा है। हनुमान चालीसा के बाद आरती और पूजा संपन्न हुई। श्रद्धालुओं ने कहा कि निर्देश के अनुसार उन्होंने 11 बजे भोजशाला परिसर खाली कर दिया है।

पिछले हिस्से में किया जा रहा है सर्वे
इधर, भोजशाला में एएसआई का सर्वे भी शुरू हो चुका है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग की टीम भोजशाला के पिछले हिस्से में यह सर्वे कार्य कर रही है, ताकि किसी भी तरह से हिंदू समाज के लोगों को परेशानी का सामना नहीं करना पड़े। दोनों ही पक्ष की मौजूदगी में 26 मार्च को यह सर्वे भीतरी परिसर में करवा पाना संभव नहीं था, इसलिए बाहरी परिसर में ही यह सर्वे करवाया जा रहा है।

श्रद्धालुओं के सर्वे देखने पर रोक
यहां आने वाले श्रद्धालु किसी भी तरह के सर्वे की प्रक्रिया को देख नहीं सकें, इसके लिए बड़े-बड़े पर्दे लगा दिए गए हैं। साथी मुख्य द्वार से केवल भीतर प्रवेश कर सकते हैं। अन्य स्थानों पर जाने पर रोक लगा दी गई है। चार स्थानों पर उत्खनन का कार्य जारी है। संभावना है कि इसमें हिंदू प्रतीक चिह्न मिल सकते हैं, इसी के मद्देनजर यह उत्खनन विशेष माना जा रहा है।

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ज्ञानवापी की तर्ज पर हो रहा है सर्वे
एएसआई की दिल्ली और भोपाल की टीम भोजशाला का सर्वे कर रही है। यह वैज्ञानिक सर्वे मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय की इंदौर खंडपीठ के आदेश पर ज्ञानवापी की तर्ज पर हो रहा है। टीम कार्बन डेटिंग के साथ ही खुदाई कर परीक्षण कर रही है। हिंदू और मुस्लिम पक्ष की मौजूदगी में हो रहे इस सर्वे की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी भी करवाई जा रही है।

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