महाकुंभः सोमवती अमावस्या पर हजारों श्रद्धालुओं ने लगाई गंगा में आस्था की डूबकी

12 अप्रैल को साधु-संतों के साथ ही अन्य श्रद्धालुओं ने भी गंगा की अलग-अलग घाटों पर डूबकी लगाई। इस दिन महाकुंभ का दू़सरा शाही स्नान था।

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हरिद्वार में चल रहे महाकुंभ मेले में श्रद्धालुओं की आस्था कोरोना पर भारी पड़ती दिख रही है। हालांकि उत्तराखंड भी लगतार कोरोना संक्रमण की चपेट में आता दिख रहा है, लेकिन आस्था के आगे उसका भय कमजोर पड़ता दिख रहा है। हजारों की संख्या में हर दिन महाकुंभ मेले में देश-विदेश के अलग-अलग क्षेत्रों से लोग पहुंच रहे हैं। 12 अप्रैल को साधु-संतों के साथ ही अन्य श्रद्धालुओं ने भी गंगा की अलग-अलग घाटों पर डूबकी लगाई। इस दिन महाकुंभ का दू़सरा शाही स्नान था।

12 अप्रैल के दूसरा शाही स्नान के बाद 13 अप्रैल को नव संवत्सर का स्नान और 14 अप्रैल को बैसाखी का तीसरा शाही स्नान है। इसमें 13 अखाड़ों के साधु-संत स्नान करते हैं। महाकुंभ के दूसरे शाही स्नान में सबसे पहले निरंजनी अखाड़े के साधुओं ने हरिद्वार में हर की पैड़ी पर पवित्र गंगा में शाही स्नान किया। सभी अखाड़ों को आधा-आधा घंटा का समय स्नान के लिए दिया गया।

पूर्व नेपाल नरेश राजा ज्ञानेंद्र बीर बिक्रम शाह ने भी लगाई डूबकी
महाकुंभ में भाग लेने के लिए हरिद्वार पहुंचे पूर्व नेपाल नरेश राजा ज्ञानेंद्र बीर बिक्रम शाह ने भी जूना अखाड़े के साथ गंगा स्नान किया। इससे पहले सुबह सात बजे मेला प्रशासन ने मुख्य स्नान घाट हर की पैड़ी ब्रह्मकुंड को पूरा खाली करा लिया था, ताकि पूरे दिन यहां सभी 13 अखाड़ों से जुड़े साधु संत शाही स्नान कर सकें।

पुलिस महानिरीक्षक संजय गुंज्याल ने दी जानकारी
इस बारे में जानकारी देते हुए कुंभ मेला पुलिस महानिरीक्षक संजय गुंज्याल ने बताया कि इन पर्वों पर हर की पैड़ी ब्रह्मकुंड और आसपास के घाटों पर श्रद्धालुओं को स्नान नहीं करने दिया जाएगा। ये साधु संतों के लिए रिजर्व हैं। उन्होंने कहा कि आम जनता के लिए नीलधारा और दूसरे घाटों को खुला रखा जाएगा।

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कोरोना पर श्रद्धालुओं की आस्था भारी
इस बीच कोरोना संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है। जिले में 372 मामले दर्ज किए गए हैं। जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राजेश गुप्ता ने बताया कि सुरक्षा के मद्देनजर हर तरह के कदम उठाए जा रहे हैं। लेकिन कोरोना संक्रमण के बीच श्रद्धालुओं की आस्था भारी पड़ती दिख रही है।

30 अप्रैल तक चलेगा महाकुंभ मेला
1 अप्रैल को हरिद्वार महाकुंभ 2021 की औपचारिक शुरुआत हो गई है। यह मेला 30 अप्रैल तक चलेगा। महाकुंभ में गंगा स्नान के लिए श्रद्धालुओं को कोविड-19 की 72 घंटे पहले तक की आरटीपीसीआर निगेटिव रिपोर्ट लाना अनिवार्य है। इसके बिना उनको धर्मशालाओं और होटलों में ठहरने नहीं दिया जा रहा है।

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