उत्तर प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए योगी आदित्यनाथ सरकार ने 200 स्वास्थ्य केन्द्रों पर हेल्थ एटीएम को स्थापित कर दिया है। सरकार का लक्ष्य जल्द से जल्द प्रदेश के सभी 4600 वेलनेस सेंटर पर हेल्थ एटीएम स्थापित करने का है। इसे लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हाल ही में सार्वजनिक घोषणा भी कर चुके हैं। इसके अलावा मुख्यमंत्री के निर्देश पर हेल्थ एटीएम के साथ ही टेलीकंसल्टेशन की सुविधा भी अतिशीघ्र प्रदेश के सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर मिलने लगेगी। इसके लिए स्वास्थ्य कर्मियों के प्रशिक्षण का कार्य शुरू हो चुका है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सितंबर महीने में प्रदेश के पहले हेल्थ एटीएम का उद्घाटन करते हुए यूपी की स्वास्थ्य सेवाओं में अहम बदलाव की नीव रखी थी।
तकनीक के बेहतर उपयोग से सर्वसुलभ होगी अच्छी स्वास्थ्य सुविधा
प्रदेश के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों तथा जिला अस्पतालों में स्थापित हेल्थ एटीएम मशीनों को संचालित करने के लिए प्रदेश भर के 200 स्वास्थ्यकर्मियों का प्रशिक्षण बीते दिनों राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन मुख्यालय में संपन्न हुआ है। प्रमुख सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण पार्थ सारथी सेन शर्मा के अनुसार आने वाले वक्त में स्वास्थ्य सुविधाओं को आम जन तक पहुंचाने के लिए तकनीक का बेहतर उपयोग किए जाने के लिए हेल्थ एटीएम बहुत कारगर सिद्ध होंगे। साथ ही प्रशिक्षण के बाद स्वास्थ्यकर्मी मरीजों के लिए बेहद मददगार साबित होंगे।
होगी समय की बचत
एक्सपर्ट स्वास्थ्यकर्मियों के माध्यम से 30 तरह की जांचों की रिपोर्ट बहुत कम समय में मरीजों को प्रिंटआउट, वाट्सऐप, ई-मेल और एसएमएस के माध्यम उपलब्ध कराया जाएगा। साथ ही साथ जांच के रिजल्ट को टेलीमेडिसिन हब पर डॉक्टरों के द्वारा साझा किया जाएगा। इससे इलाज में समय की बचत होगी और एक ही छत के नीचे जांच व इलाज उपलब्ध होने से मरीज के तीमारदारों को परेशान नहीं होना पड़ेगा।
प्रभारी चिकित्सा अधिकारी की होगी जवाबदेही
प्रमुख सचिव के अनुसार जिन स्थानों पर हेल्थ एटीएम की स्थापना की गयी है। वहां यदि चिकित्सक की तैनाती नहीं है तो ऐसी स्थिति में टेलीमेडिसिन के माध्यम से चिकित्सीय परामर्श प्रदान किए जाने का भी प्रावधान है। अधिकारी के अनुसार जिन 200 स्थानों पर हेल्थ एटीएम लगाए गये हैं। वहां निर्धारित जांच के बाद वीडियो कंसल्टेशन की सुविधा 16 दिसंबर से शुरू कर दी गयी है। इसमें डॉक्टरों की ओर से मिलने वाले मेडिकल प्रिस्क्रप्शन को मरीज के फोन पर उपलब्ध कराया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इसके प्रभारी चिकित्सा अधिकारी हेल्थ एटीएम के संपूर्ण संचालन के लिए जिम्मेदार होंगे।