सर्वोच्च न्यायालय मुंबई की आरे कालोनी में मेट्रो रेल परियोजना निर्माण के लिए पेड़ काटने के मामले पर सुनवाई करेगा। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच सुनवाई करेगी।
5 अगस्त को सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि 2019 में हुई सुनवाई के बाद से एक भी पेड़ नहीं काटा गया। कुछ झाड़ियां जरूर हटाई गई हैं। 28 जुलाई को वकील गोपाल शंकरनारायण ने कहा था कि 2019 में आए कोर्ट के आदेश का उल्लंघन किया जा रहा है।
यह है मामला
उल्लेखनीय है कि 07 अक्टूबर, 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने आरे फॉरेस्ट में पेड़ों को काटने पर रोक लगा दी थी। सर्वोच्च न्यायालय ने कहा था कि आरे फॉरेस्ट में यथास्थिति बहाल की जाए। पेड़ों को काटना तत्काल रोका जाए। पौधों के जीवित बचने की दर का विश्लेषण किया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने पेड़ों को काटने का विरोध करने के दौरान गिरफ्तार सभी लोगों को रिहा करने का आदेश भी दिया था।